(विजय पचौरी): आवास, न पेंशन, न रसोई गैस सरपंच एवं सचिव की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहा 65 वर्षीय बुजुर्ग। पंचायत के प्रतिनिधियों की लापरवाही का खामियाजा गरीब और बेसहारा किस कदर भुगत रहे हैं। इसकी एक बानगी सुकमा जिले के विकासखण्ड छिंदगढ़ के ग्राम पंचायत कूकानार में देखने को मिल रहा है। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिला के ग्राम पंचायत कुकानार से मिली जानकारी के अनुसार कूकानार पेदापारा के 65 वर्षीय बुजुर्ग सुखदास पितारामधर वर्षों से अपने टूटेफूटे आवास में रहने को मजबूर हैं। जीवनयापन हेतु शासन द्वारा निर्धारित बेसहारा को मिलने वाली पेंशन की राशि भी नहीं मिलती है न ही मिली है। रसोई गैस यह सारी सुविधाएं प्राप्त करने हेतु लगातार वो गाँव की सरपंच के पास जाते रहते है पर मात्र आश्वासन के अलावा। इन्हें कुछ नहीं मिलता सुखदास बताते हैं कि मैं जब भी सरपंच से इस पर कुछ उचित कार्यवाही करने को कहता हूं तो वो सचिव से मिलो कहते हैं और सचिव से मिलने पर सरपंच से सम्पर्क करने को कहते हैं।
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रामधर वर्षों से अपने टूटेफूटे आवास में रहने को मजबूर हैं जीवनयापन हेतु शासन द्वारा निर्धारित बेसहारा को मिलने वाली पेंशन की राशि भी नहीं मिलती है। यह सारी सुविधाएं प्राप्त करने हेतु लगातार वो गाँव की सरपंच के पास जाते रहते है पर मात्र आश्वासन के अलावा इन्हें कुछ नहीं मिलता। सुखदास का घर इतना जर्जर हो चुका है कि चारो ओर से दीवारें टूट टूट कर गिर रही है, छप्पर टूटने की वजह से फटी हुई त्रिपाल से बारिश का पानी रोकने का असफल प्रयास करते हैं। उसके बाद भी पानी रिसना नहीं बन्द होता है तो जरूरी कागजात जिनके सहारे शासन की सुविधा मिलने का इंतजार है, उनकी सुरक्षा हेतु दूसरों के घरों का सहारा लेकर पड़ोसी के घर पर रखते हैं। आपको बता दें कि सरपंच एवं सचिव के द्वारा लगातार गैर जिम्मेदाराना व्यवहार के कारण बहुत से ग्रामीणों को शासन की महती योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है जिसके कारण पंचायत प्रतिनिधियों के प्रति ग्रामीणों में रोष वयाप्त है।