(अजय पाल) – अयोध्या में राम मंदिर बनाने का काम बहुत तेजी से चल रहा है। बताया जा रहा है कि 2024 तक राम मंदिर का अधिकतर भाग बनकर तैयार हो जाएगा। राम लला की भव्य मूर्ति बनाने के लिए नेपाल की गंडकी नदी से शालिग्राम शिला शिलाखंड को भारत लाया जा रहा है। शालिग्राम शिला शिलाखंड को धार्मिक नजरिये से बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। शालिग्राम शिला खंड के पत्थर दो टुकड़ों में है। इन पत्थरों का वजन लगभग 128 क्विंटल बताया जा रहा है। इन शिलाखंडों को 2 फरवरी तक अयोध्या में पहुंच सकते है। अभी ये शिलाखंड नेपाल के जनकपुर में पहुंच गये है। जनकपुर में इन शिलाखंडों की पूजा अर्चना की गई है।
शालिग्राम शिला के पत्थरों का है विशेष महत्व
शास्त्रों के अनुसार ऐसी मान्यता है कि शालिग्राम में भगवान विष्णु का वास होता है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार भगवान विष्णु व माता तुलसी का वर्णन शालिग्राम में किया गया है। भारत एक धार्मिक देश है हिंदुओं की भगवान श्री राम के प्रति अधिक आस्था होने का कारण इन शिलाखंडों का धार्मिक महत्व और बढ़ जाता है। क्योंकि इन शिलाखंडों का संबंध भगवान विष्णु से बताया गया है। राम मंदिर को बनाने का काम बहुत तेजी से किया जा रहा है। ऐसा बताया जा रहा है कि दिसंबर 2023 तक राम मंदिर का प्रथम तल बनकर तैयार हो जाएगा।
शालिग्राम शिलाओं से बनेगी श्री राम की मूर्ति
राम लला की मूर्ति को बनाने के लिए शालिग्राम की शिलाओं का चयन किया गया है। राम लला की मूर्ति को 5 से 7 फीट का बनाया जाएगा। राम लला की मूर्ति को निर्माण इस तरह से किया जा रहा है कि सूर्य की किरणें सीधी राम लला के माथे पर पड़े। हालांकि तकनीकी विशेषज्ञों की टीम इन पत्थरों का मूर्ति निर्माण के लिए पहले परीक्षण करेगी। इसकी जिम्मेदारी मशहूर चित्रकार वासुदेव कामत व पद्मभूषण शिल्पकार राम वनजी सुथार को दी गयी है।
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राम सुथार ने ही स्टैचू ऑफ यूनिटी का भी शिल्प तैयार किया था। इसके अलावा हाल में कुछ समय पहले अयोध्या में वासुदेव कामथ ने ही लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि के रूप में वीणा को स्थापित किया व इसका निर्माण राम सुथार व उनके बेटे ने किया था। वासुदेव कामथ एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार है।