उत्तर प्रदेश की संगम नगरी प्रयागराज में महाकुंभ-2025 की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। इस बीच गंगा नदी में बढ़ता प्रदूषण चिंता का कारण बना हुआ है क्योंकि सीवेज की वजह से पानी की गुणवत्ता खराब हो रही है। महाकुंभ के दौरान यहां आस्था की डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है।
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उत्तर प्रदेश का प्रयागराज शहर दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेलों में शुमार ‘महाकुंभ’ का आयोजन करने जा रहा है। संगम नगरी में इसको लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही है। ‘महाकुंभ’ में लाखों लोग पवित्र स्नान करने आते हैं। लेकिन प्रदूषण की वजह से गंगा नदी की सफाई को लेकर चिंताएं बढ़ गई है।
एनजीटी ने हाल में पाया कि उत्तर प्रदेश में गंगा नदी में सीवेज की वजह से पानी की गुणवत्ता खराब हो रही है। एनजीटी के मुताबिक प्रयागराज जिले में सीवेज ट्रीटमेंट का एक बड़ा हिस्सा साफ नहीं हो पाता। हालांकि, मेला अधिकारियों का कहना है कि वे इस मुद्दे को हल करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। अधिकारी बताते हैं कि सीवेज का पानी नदी में न बहे इसके लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
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गौरतलब है, ‘महाकुंभ’ हर 12 साल बाद लगता है। इस बार ‘महाकुंभ’ अगले साल यानी 2025 की शुरुआत माह में प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू होगा और 26 फरवरी तक चलेगा। इस बार प्रयागराज में 40 करोड़ से ज्यादा संतों और श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। प्रदेश सरकार भी इस महा आयोजन को भव्य बनाने में जुटी हुई है।
pti
