देश में बढ़ते तनाव और सुरक्षा चुनौतियों के बीच केंद्र सरकार ने कल, 7 मई को देशभर में युद्ध मॉक ड्रिल आयोजित करने का फैसला किया है। इस बीच, आज दिल्ली में उच्च स्तरीय बैठकों का दौर जारी रहा। गृह मंत्रालय में सिविल डिफेंस की तैयारियों को लेकर अहम बैठक हुई, वहीं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।
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गृह मंत्रालय ने देश के 244 सिविल डिफेंस जिलों में 7 मई को मॉक ड्रिल का निर्देश दिया है। इसका उद्देश्य युद्ध या आपातकाल जैसी स्थिति में सिविल डिफेंस की तैयारियों का आकलन करना है। इस ड्रिल में एयर रेड सायरन का परीक्षण, नागरिकों और छात्रों को सुरक्षा प्रशिक्षण, ब्लैकआउट प्रक्रिया, महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा और निकासी योजनाओं का अभ्यास शामिल होगा। यह पहली बार है जब 1971 के युद्ध के बाद इतने बड़े पैमाने पर देशव्यापी मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है।
आज गृह मंत्रालय में केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। इस बैठक में सिविल डिफेंस के डीजी, एनडीआरएफ के डीजी और विभिन्न राज्यों के मुख्य सचिव शामिल हुए। सूत्रों के अनुसार, बैठक में सिविल डिफेंस की तैयारियों की समीक्षा की गई और कमियों को दूर करने के निर्देश दिए गए। मंत्रालय ने राज्यों से स्थानीय प्रशासन, सिविल डिफेंस वार्डन्स, होम गार्ड्स, एनसीसी और स्कूल-कॉलेज के छात्रों को इस ड्रिल में शामिल करने को कहा है।
दूसरी ओर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आवास पर मुलाकात की। यह मुलाकात करीब 40 मिनट तक चली। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में भारत की रक्षा रणनीति, सीमा पर स्थिति और संभावित जवाबी कार्रवाइयों पर चर्चा हुई। यह दूसरी बार है जब पिछले 24 घंटों में डोभाल ने पीएम मोदी से मुलाकात की है। इससे पहले, कल भी दोनों के बीच उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक हुई थी।
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यह सारी गतिविधियां जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद तेज हुई हैं, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी। भारत ने इस हमले का जिम्मेदार पाकिस्तान को ठहराया है और सख्त जवाबी कार्रवाई की बात कही है। मॉक ड्रिल एक तरह का अभ्यास है, जिसका मकसद युद्ध, मिसाइल हमले या हवाई हमले जैसी आपात स्थितियों के लिए तैयार रहना है। इसमें सायरन सिस्टम, बंकरों की सफाई, निकासी योजनाएं और नागरिकों को प्रशिक्षण जैसे पहलू शामिल हैं। पंजाब, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर राज्यों जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। जाहिर है भारत में बढ़ी हलचल और बैठकों का दौर और मॉक ड्रिल की तैयारियां इस ओर इशारा कर रही हैं कि सरकार हर स्थिति के लिए तैयार है।