कोरोना महामारी से जूझ रही पूरी दुनिया के लिए एक खुशखबरी आई है। आपको बता दें कि तमाम देशों को पीछे छोड़ते हुए रूस ने कोरोनावायरस वैक्सीन बनाने में बाजी मार ली है। मंगलवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसकी घोषणा की ।
पुतिन ने कहा कि, ‘हमने कोरोना की सुरक्षित वैक्सीन बना ली है और देश में रजिस्टर्ड भी करा लिया है। मैंने अपनी दो बेटियों में एक बेटी को पहली वैक्सीन लगवाई है और वह अच्छा महसूस कर रही है।’
‘@GovernmentRF: The launch of mass production of a @Covid19 vaccine developed by the Gamaleya National Research Center for Epidemiology and Microbiology of the Russian health ministry is planned for September 2020
⚕️ https://t.co/2RyvBOSQOc #StopCOVID19 pic.twitter.com/NEvarFgiAU
— Russia in USA ?? (@RusEmbUSA) July 31, 2020
रूसी अधिकारियों के मुताबिक, Gam-Covid-Vac Lyo नाम की इस वैक्सीन को तय योजना के मुताबिक रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय और रेग्युलेटरी बॉडी का अप्रूवल मिल गया है। बताया जा रहा है कि इस वैक्सीन को सबसे पहले फ्रंटलाइन मेडिकल वर्कर्स, टीचर्स और जोखिम वाले लोगों को दिया जाएगा।
रूसी न्यूज एजेंसी तास के मुताबिक, मंगलवार को देश के शीर्ष अधिकारियों के साथ मीटिंग में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा, ‘जहां तक मुझे पता है, आज सुबह दुनिया में पहली बार कोरोनोवायरस संक्रमण से बचाव का एक वैक्सीन रजिस्टर्ड कर ली गई है।’ पुतिन ने स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराशको से इस बारे में विस्तृत जानकारी देने को कहा है।
⏩Russia – First in the world to register a vaccine against the corona virus
⏩The vaccine, a so-called viral vector vaccine, has been developed by the Gamaleya Microbiology Research Centre
⏩President Putin says that one of his daughters had been vaccinated against COVID-19 pic.twitter.com/CnVHW2mgVK
— Shreyesh Reddy (@ShreyeshReddy) August 11, 2020
मुराशको ने बताया, ‘मुझे जानकारी दी गई है कि हमारी वैक्सीन प्रभावी तरीके से काम करती है और एक अच्छी इम्यूनिटी पैदा करती है। मैं दोहराता हूं कि इसके लिए सभी जरूरी ट्रायल पूरे कर लिए गए हैं।
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कई देशों ने जताया संदेह ?
हालांकि वैक्सीन को लेकर रूस के इन दावों पर कई देश संदेह जता रहे हैं। ब्रिटेन और अमेरिका समेत कई अन्य देशों के विशेषज्ञ इस वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभावशीलता पर सवाल उठा रहे हैं। ब्रिटेन ने तो रूस की इस वैक्सीन का इस्तेमाल करने से ही साफ इनकार कर दिया है। असल में इसकी वजह ये है कि रूस ने इस वैक्सीन के परीक्षण से संबंधित कोई भी साइंटिफिक डाटा जारी ही नहीं किया है। अब दूसरे देश भले ही संदेह करें, लेकिन रूस को अपने वैक्सीन पर कोई भी संदेह नहीं है। तभी तो वह अक्तूबर से टीकाकरण अभियान चलाने की बात कह रहा है।