ISRO टीम ने प्रोबा-3 अंतरिक्ष यान के लॉन्च से पहले तिरुमाला के श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में की प्रार्थना

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Proba-3 Spacecraft: यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के समर्पित वाणिज्यिक मिशन प्रोबा-3 अंतरिक्ष यान के लॉन्च से पहले इसरो टीम ने बुधवार 4 दिसंबर को तिरुमाला में श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना की और भगवान वेंकटेश्वर से आशीर्वाद लिया। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) का प्रोबा-3 अंतरिक्ष यान लॉन्च एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शन मिशन होगा। न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड इसरो की वाणिज्यिक शाखा है जो ग्राहक वाहनों को लॉन्च करेगी और इसने अपने नवीनतम मिशन के लिए यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी से ऑर्डर हासिल किया है। दुनिया की पहली पहल के रूप में जाना जाने वाला, प्रोबा-3 (प्रोजेक्ट फॉर ऑनबोर्ड आटोनॉमी) में एक डबल-सैटेलाइट शामिल है जिसमें दो अंतरिक्ष यान सूर्य के बाहरी वातावरण का अध्ययन करने के लिए एक साथ उड़ान भरेंगे।

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बता दें, ‘प्रोबास’ एक लैटिन शब्द है, जिसका मतलब है ‘आओ प्रयास करें’। इसरो ने कहा कि मिशन का उद्देश्य सटीक उड़ान का प्रदर्शन करना है। इसके तहत दो अंतरिक्ष यान – ‘कोरोनोग्राफ’ और ‘ऑकल्टर’ को एक स्टैक्ड कॉन्फ़िगरेशन में एक साथ लॉन्च किया जाएगा। इसरो इस मिशन के लिए अपने समर्पित वर्कहॉर्स पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी) का इस्तेमाल कर रहा है। पीएसएलवी अपनी 61वीं और पीएसएलवी-एक्सएल संस्करण की 26वीं उड़ान पर है और इसे चार दिसंबर को शाम चार बजकर आठ मिनट पर स्पेसपोर्ट के पहले लॉन्च पैड से लॉन्च किया जाना है।

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करीब 18 मिनट की यात्रा के बाद 44.5 मीटर लंबा रॉकेट 550 किलोग्राम प्रोबा-3 सैटेलाइटों को वांछित कक्षा में स्थापित करेगा। शुरुआती कक्षीय स्थितियों तक पहुंचने के बाद, दोनों सैटेलाइट 150 मीटर की दूरी पर (एक बड़े उपग्रह संरचना के रूप में) एक साथ उड़ेंगे ताकि ‘ऑकल्टर’ अंतरिक्ष यान सूर्य की सौर डिस्क को अवरुद्ध कर दे, जिससे वैज्ञानिक कोरोनाग्राफ सूर्य के कोरोना का अध्ययन कर सके।

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