(प्रदीप कुमार)-कांग्रेस के सांसद एवं पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी लोकसभा सदस्यता बहाल होने के बाद आज केरल में अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड पहुंचे। इस दौरान वायनाड की जनता ने राहुल गांधी का दिल खोलकर स्वागत किया। इस अवसर पर राहुल गांधी ने कलपेट्टा में एक जनसभा को भी संबोधित किया। जनसभा के उपरांत राहुल गांधी ने वायनाड में बाढ़ से प्रभावित परिवारों को उनके नए घरों की चाबियां भी सौंपी।
अपने संबोधन में राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा और आरएसएस नहीं समझते कि परिवार क्या होता है। उन्हें लगता है कि अगर हम राहुल गांधी को अयोग्य घोषित कर देंगे तो वायनाड से राहुल गांधी का रिश्ता टूट जाएगा। वे यह नहीं समझते कि जितना वे वायनाड की जनता और राहुल गांधी को अलग करने का प्रयास करेंगे, हम उतने ही करीब आएंगे।
राहुल गांधी ने मणिपुर हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने अपने 19 साल के राजनीतिक जीवन में मणिपुर जैसी हिंसा नहीं देखी है। मणिपुर में हर जगह हिंसा हो रही है, हत्या हो रही हैं, महिलाओं के साथ दुष्कर्म हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने संसद में अपने दो घंटे तेरह मिनट के संबोधन में मणिपुर पर सिर्फ दो मिनट बात की। अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री हंस रहे थे, मजाक कर रहे थे। उनका मंत्रिमंडल हंस रहा था, मजाक कर रहा था। प्रधानमंत्री भारत के विचार का अनादर कैसे कर सकते हैं? प्रधानमंत्री आखिर मणिपुर क्यों नहीं गए? प्रधानमंत्री ने हिंसा रोकने का प्रयास क्यों नहीं क्या? जो भी भारत के विचार की हत्या करता है, वह राष्ट्रवादी नहीं हो सकता।
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राहुल गांधी ने कहा कि भारत का विचार शांति का प्रतिनिधित्व करता है। भारत का मतलब प्रेम और स्नेह है। भाजपा ने मणिपुर में भारत के विचारों की हत्या कर दी है। भाजपा ने मणिपुर में भारत माता की हत्या की है। भाजपा का लक्ष्य परिवारों को नष्ट करना है। भारत एक परिवार है। भाजपा इसे बांटना चाहती है। मणिपुर परिवार था। उन्होंने इसे बर्बाद करने का प्रयास किया। भाजपा की नीतियों से हजारों परिवार बर्बाद हो गए। हम मणिपुर में प्यार वापस लाएंगे।
राहुल गांधी ने कहा कि वायनाड में बाढ़ से कई परिवारों ने अपने सदस्यों और घरों को खो दिया था। हमने तय किया कि हम इन टूटे हुए परिवारों की मदद करेंगे। इसलिए हमने परिवारों की मदद करने का फैसला किया। यह गर्व की बात है कि आज हम उन लोगों को घर दे रहे हैं, जिनका नाम सार्वजनिक आवास योजना में नहीं आया था।राहुल गांधी ने कहा कि आज चार महीने बाद वह सांसद बनकर वापस आए हैं, लेकिन उन्हें इस बात का दुख भी है कि वह ओमन चांडी जी को नहीं देख पा रहे हैं।