दिल्ली(अजीत सिंह):रामायण एक्सप्रेस ट्रेन में सेवाए देने वाले वेटर्स की ड्रेस कोड को लेकर विवाद छिड़ गया है, भगवा पहने स्टाफ लोगों के जूठे बर्तन उठा रहे थे, जिसको लेकर साधु संतो ने कड़ा विरोध किया । भगवान श्रीराम में आस्था रखने वाले श्रद्धालुओं के लिए रेलवे ने रामायण यात्रा ट्रेन चलाई हुई है।
IRCTC ने धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ‘देखो अपना देश’ की पहल के तहत यह डीलक्स एसी टूरिस्ट ट्रेन चलाई है, लेकिन यह ट्रेन अपने सर्विस स्टाफ के ड्रेस कोड को लेकर विवादों में घिर गई।
आपकों बता दें की देश की पहली रामायण सर्किट ट्रेन 7 नवंबर को सफदरजंग रेलवे स्टेशन से तीर्थयात्रियों को लेकर 17 दिन के सफर पर रवाना हुई थी, यह ट्रेन भगवान राम के जीवन से जुड़े 15 स्थानों का भ्रमण करेगी, यह ट्रेन 7,500 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करते हुए तीर्थयात्रियों को अयोध्या, प्रयाग, नंदीग्राम, जनकपुर, चित्रकूट, सीतामढ़ी, नासिक, हम्पी और रामेश्वरम जैसे स्थानों पर ले जाती है।
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लेकिन ड्रेस कोड की वजह से विवाद छिड़ गया इसे लेकर उज्जैन के संतों ने सोमवार को चेतावनी दी कि अगर ट्रेन के सर्विस स्टाफ की यही यूनिफॉर्म रही तो वह रामायण एक्सप्रेस को 12 दिसंबर को दिल्ली में रोक देंगे, उनका कहना था कि सर्विस स्टाफ का भगवा ड्रेस कोड हिंदू धर्म का अपमान है।
वायरल वीडियो में देखा जा सकता है की भगवा पहने स्टाफ लोगों के जूठे बर्तन को उठाते हुए नजर आ रहे थे, जिसको लेकर साधु संतो ने पुरजोर विरोध किया। संतों की नाराजगी के बाद रामायण एक्सप्रेस के सर्विस स्टाफ का ड्रेस कोड पूरी तरह से बदल दिया गया है, संतों के तीखे तेवरों पर रेलवे की ओर से तुरंत एक्शन लिया गया।
रेलवे की ओर से कहा गया है कि श्री रामायण यात्रा एक्सप्रेस के सर्विस स्टाफ की ड्रेस को पूरी तरह से बदल दिया गया है और अब सर्विस स्टाफ प्रोफेशनल कपड़ों में दिखेंगे, रेलवे की तरफ से खेद जताते हुए कहा गया- असुविधा के लिए खेद है।