(अंकित ठाकुर): हरियाणा में पिछले दो दिनों से हुई बरसात ने कृषि प्रधान राज्य हरियाणा के किसानों व उनकी फसलों के लिए सोना बरसाने का कार्य किया है। लंबे समय से बार-बार पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव हरियाणा पर पड़ रहा था, परन्तु बरसात हल्की बूंदाबांदी में बदलकर रह जाती थी। लेकिन पिछले दो दिनों के दौरान हुई बरसात ने फसलों को सिंचित करके खरीफ की फसलों में बंपर उत्पादन का संदेश दिया है। विशेषकर हरियाणा की मुख्य खरीफ फसल सरसो व गेहूं के लिए यह बरसात वरदान साबित हुई है।
हरियाणा कृषि विज्ञान केंद्र भिवानी के कृषि वैज्ञानिक डॉ. देवीलाल ने बताया कि पूर्वानुमान के अनुसार 29 व 30 जनवरी को मौसम विभाग ने जो बरसात बताई थी, उसका प्रभाव पूरे प्रदेश भर में नजर आया है। बीती रात्रि को दक्षिणी हरियाणा के रेगिस्तानी क्षेत्र भिवानी व दादरी में भी काफी बरसात हुई है। इस बरसात से जहां दिन के तापमान में कमी की है, वही रात के तापमान में बढ़ोत्तरी होगी, जो फसलों के लिए बेहतर है। किसानों का सिंचाई का खर्च भी इस बरसात के कारण बचा है। उन्होंने कहा कि दो-तीन दिन बाद मौसम साफ हो जाएगा तथा निकट भविष्य में कोई बरसात की आशंका नहीं है।
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भिवानी जिला के किसान मांगेराम, बृजपाल, श्रीभगवान एवं ताली ने बताया कि पिछले दो दिनों से जो बरसात हुई है, उससे उनकी सिंचित हुई है तथा प्रति एकड़ 500 से 700 का डीजल बचा है, जो सिंचाई के लिए ट्यूव्बैल चलाने में प्रयोग होना था। इसके साथ ही बरसात का मीठा पानी उनकी फसल के लिए अमृत की तरह साबित होगा तथा फसलों का उत्पादन बढ़ेगा। हालांकि किसानों ने कहा कि कुछेक सब्जियों में पानी खड़ा होने से जरूर हल्का नुकसान हुआ है, परन्तु अधिकत्तर फसलों में इस बरसात का लाभ फसल उत्पादन बढाने में होगा।