छत्तीसगढ़ के रायपुर सेंट्रल जेल में बड़ा कोरोना विस्फोट हुआ है। प्रदेश के सबसे बड़े सेंट्रल जेल में डीआईजी केके गुप्ता ने बताया कि बंदियों सहित 90 व्यक्तियों में कोरोना के लक्षण दिखे थे, जिनकी जांच कराई गई थी।
जाँच में सेंट्रल जेल के दो अफसरों सहित 41 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है, जिनका इलाज रायपुर के ही सेंट्रल जेल में किया जा रहा है।
कोरोना संक्रमितों की पुष्टि के बाद सीएमएचओ मीरा बघेल ने जेल परिसर का दौरा किया था, जिसके बाद उन्होंने जेल की व्यवस्था पर प्रसन्नता व्यक्त की। मीरा बघेल के निरीक्षण के बाद जेल के बैरक में ही कोरोना के इलाज की व्यवस्था की गई।
टोटल न्यूज़ से चर्चा में डीआईजी जेल केके गुप्ता ने बताया जेल के एक बैरक में कोरोना के 16 मरीजों के इलाज की व्यवस्था की गई है। जेल में ऐसे 8 बैरकों में कोरोना मरीजों के इलाज की व्यवस्था की गई है।
इस प्रकार जेल में कुल 128 बिस्तरों की व्यवस्था है। जेल के दो ट्रेनी अफसरों का इलाज भी जेल परिसर में ही होगा। उन्हें भी किसी अस्पताल में शिफ्ट नहीं किया जाएगा।
डीआईजी जेल केके गुप्ता के इस निर्णय ने प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग सहित पुलिस की बड़ी चिंता भी दूर कर दी है। यदि जेल के बंदी इतनी बड़ी संख्या में जेल से बाहर किसी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती होते तो बंदियों की सुरक्षा के लिए पुलिस सहित स्वास्थ्य विभाग के माथे पर चिंता की लकीरें चौबीसों घंटे रहती,
क्योँकि हाल ही में एक बंदी को इलाज के लिए अस्पाताल ले जाया गया था, जो भाग गया था, हालांकि पुलिस ने मुस्तैदी से बाद में बंदी को पुनः गिरफ्तार कर लिया। इसके साथ ही बड़ी संख्या में सुरक्षा के लिए जवानों की व्यस्था भी जेल प्रशासन को करना पड़ता।
उल्लेखनीय है कि रायपुर सेंट्रल जेल देश का पहला जेल हैं जहां, कोरोना संक्रमितों के लिए इलाज की व्यवस्था जेल परिसर में ही की गई है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के पड़ोसी मध्यप्रदेश में कोरोना जांच के बिना बंदियों को जेल परिसर में प्रवेश नहीं दी जा रहा है। जबकि रायपुर जेल में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज की व्यस्था जेल परिसर में ही उपलब्ध है।
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