Rajkot: गुजरात (Gujarat) के राजकोट (Rajkot) में हुए हादसे में मौत का शिकार हुए वकील ओमदेव सिंह गोहिल के पार्थिव शरीर को भावनगर में उनके घर पहुंचा दिया गया है। वकील ओमदेव सिंह को बड़ी संख्या में लोग श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे।
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पेशे से वकील ओमदेवसिंह गोहिल अपने परिवार के साथ घूमने के लिए राजकोट गए थे। टीआरपी गेम ज़ोन अग्निकांड में उनकी जान चली गई। उनका परिवार भी साथ था लेकिन वे बचने में कामयाब हो गए। फायर टीम ने 24 घंटे के बाद टीआरपी गेम जोन से 30 से ज्यादा शव निकाले। कई परिवार अभी भी लापता रिश्तेदारों की तलाश कर रहे थे, जिसके चलते एफएसएल टीम ने डीएनए टेस्ट किया। पहचाने गए शवों में ओमदेव सिंह गोहिल का शव भी शामिल था, जिससे डीएनए मिलान के जरिए उनकी मौत की पुष्टि हुई।
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ओमदेवसिंह अपने भतीजे धेमराजसिंह को लेने राजकोट गए थे। अपनी मां, बहनोई वीरेंद्रसिंह जाडेजा, भतीजे धेमराजसिंह और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ उन्होंने टीआरपी गेम जोन घूमने गए थे। जब आग लगी तो ओमदेव सिंह और वीरेंद्र सिंह दोनों पार्किंग एरिया में थे। ओमदेव सिंह गोहिल अपने पीछे आठ साल का बेटा छोड़ गए हैं। इस दुखद समाचार के बाद भावनगर के वकीलों ने अफसोस जताया है।
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