भारतीय रिजर्व बैंक के बुलेटिन में देश की आर्थिक वृद्धि दर 2024-25 में उम्मीद से कहीं बेहतर रहने का अनुमान है। आरबीआई बुलेटिन के मुताबिक, सरकार के कैपिटल एक्सपेंडिचर पर जोर से प्राइवेट इन्वेस्टमेंट बढ़ना शुरू हुआ है, जो अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा है।अर्थव्यवस्था की स्थति’ पर प्रकाशित आरबीआई के बुलेटिन में कहा गया है कि विश्व अर्थव्यवस्था को लेकर भविष्य में वृद्धि के मामले में संभावनाएं अलग-अलग हैं और एशिया के नेतृत्व में उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाएं बाकी दुनिया से बेहतर प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं।
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इसमें कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने 2023-24 में उम्मीद से अधिक मजबूत वृद्धि दर्ज की, जो उपभोग से निवेश की ओर बदलाव पर आधारित है।रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर माइकल देबव्रत पात्र की अगुवाई वाली टीम के इस लेख में सरकार ने बढ़-चढ़कर कैपिटल एक्सपेंडिचर किया है, उसका असर दिखने लगा है। इससे प्राइवेट इन्वेस्टमेंट बढ़ना शुरू हुआ है। देश में संभावित उत्पादन में तेजी आ रही है। वास्तविक उत्पादन इससे अधिक है। हालांकि, अंतर बना हुआ है लेकिन वो कम है।आरबीआई ने अपने इस बुलेटिन में कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में जीडीपी ग्रोथ रेट करीब सात प्रतिशत बनाये रखकर इस गति को बनाए रखना चाहिए।इसको देखते हुए महंगाई को इस साल की दूसरी तिमाही के लक्ष्य के अनुरूप रखने की जरूरत है।आरबीआई बुलेटिन के मुताबिक, “सबसे महत्वपूर्ण, सरकारी कैपिटल एक्सपेंडिचर से निवेश के लिए जो सकारात्मक माहौल बना है, उसमें कंपनियों की भागीदारी और यहां तक की इस मामले में उनकी अगुवाई जरूरी है। साथ इसमें विदेशी निवेश भी होना चाहिए।”
बुलेटिन में कहा गया है कि अभी जो वैश्विक परिदृश्य कमजोर बना हुआ है, अगर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जारी तनाव खत्म होता है और उसके प्रभाव को जिंस और वित्तीय बाजार, व्यापार तथा परिवहन एवं आपूर्ति नेटवर्क के जरिये काबू किया जाता तो स्थिति बेहतर हो सकती है।
(SOURCE PTI)
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