Rajya Sabha Deputy Chairman :राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने रविवार को नई दिल्ली में राज्यसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों के लिए आयोजित दो दिवसीय विषय बोध कार्यशाला में समापन भाषण दिया। अपने संबोधन में उपसभापति ने सत्रों की ‘डिजिटल पर्यावरण अनुकूल’ थीम की सराहना की, जिसने सांसदों को उनके पास उपलब्ध विभिन्न तकनीकों के बारे में जानकारी दी, ताकि वे अधिक कुशलता से काम कर सकें।
Read Also: काम के लिए घर से निकलना बना काल… वापस लौटी युवक की लाश
उपसभापति ने कहा कि विषय बोध के इन दो दिनों में अलग-अलग सत्रों से सदस्यों को संसदीय प्रक्रिया की बारीकियों को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। इससे पहले दिन में उपसभापति ने संसद में सांसदों से अपेक्षाओं और कूटनीति में उनकी भूमिका पर एक विशेष सत्र को भी संबोधित किया। इस बार सदस्यों के लिए आयोजित दो दिवसीय विषय बोध कार्यक्रम में डिजिटलीकरण और आईटी एवं संसदीय कूटनीति का महत्व जैसे नए सत्र शामिल किए गए।उपसभापति हरिवंश ने संसद सदस्यों से प्रभावी सांसद बनने के लिए नियमों और प्रक्रियाओं, समिति के काम, आचार संहिता और अन्य बातों के बारे में जागरूक रहने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “सदन में नियम सर्वोच्च हैं और सदस्यों को उनका अक्षरशः पालन करना चाहिए।”
Read Also: ये आपदा नहीं हत्या है… कोचिंग सेंटर हादसे पर स्वाति मालीवाल का फूटा AAP पर गुस्सा
उपसभापति ने कहा कि प्रश्नकाल का उपयोग, विधेयकों पर बहस, समिति की बैठकों के दौरान बजट, शून्यकाल, विशेष उल्लेख सदस्यों के लिए कार्यपालिका को जवाबदेह ठहराने के महत्वपूर्ण तरीके हैं। उपसभापति ने इस बात पर जोर दिया कि संसद सदस्यों को इनका प्रभावी ढंग से उपयोग करना चाहिए।सीखते रहने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए उपसभापति हरिवंश ने कहा कि, “अभिविन्यास सत्र सिर्फ शुरुआत है, और हमारी दिन-प्रतिदिन की राजनीति प्रकृति में गतिशील है। इसलिए, सदस्यों को सीखने को एक सतत प्रक्रिया के रूप में देखना चाहिए जो उनके हस्तक्षेप और बहस में परिलक्षित होगी। एक उत्पादक बहस में उनका योगदान और नीतियों को प्रभावित करना 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने के मार्ग की कुंजी है।”
राज्यसभा सचिवालय के क्षमता निर्माण प्रभाग द्वारा राज्यसभा के नव निर्वाचित/मनोनीत सदस्यों के लिए आयोजित दो दिवसीय विषय बोध-अभिमुखीकरण कार्यक्रम के दूसरे दिन की शुरुआत डॉ. सस्मित पात्रा द्वारा दिए गए ‘कानून निर्माण प्रक्रिया’ पर एक सत्र के साथ हुई । नारायण दास गुप्ता ने ‘राजनीति में नैतिकता: सदस्यों के लिए क्या करें और क्या न करें’ विषय पर बात की। डॉ. फौजिया खान ने ‘प्रश्नकाल के महत्व’ पर अपने विचार साझा किए और सांसद तिरुचि शिवा ने समिति प्रणालियों पर बात की।विषय बोध कार्यक्रम के समापन पर, डॉ. वंदना कुमार, अतिरिक्त सचिव, राज्य सभा सचिवालय ने सदस्यों को धन्यवाद ज्ञापन दिया।
