Mohan Bhagwat Message: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को कहा कि दुनिया की चार फीसदी आबादी 80 फीसदी संसाधनों का इस्तेमाल करती है। उन्होंने कहा कि दुनिया के सभी संसाधनों को कंट्रोल करने के लिए किसी एक को दूसरे लोगों पर जोर डालना होगा।मोहन भागवत हरियाणा के गुरुग्राम में ‘विजन फॉर विकासशील भारत- (वीआईवीबीएच) 2024’ सम्मेलन में बोल रहे थे।
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मोहन भागवत ने कहा, “चाहे जो भी कमियां हों, हर देशवासी चाहता है कि विकसित भारत हो।”उन्होंने कहा कि विकास के साथ-साथ पर्यावरण संबंधी समस्याएं भी पैदा हो गई हैं।
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मोहन भागवत, आरएसएस प्रमुख:
“विकसित भारत- तो पहला प्रश्न तो ये आता है कि विकसित भारत क्यों चाहिए? एक स्वाभाविक बात है कि मैं भारत का हूं इसलिए विकसित भारत मुझे चाहिए क्योंकि वो अपना है। भारत कैसा है, क्या है, क्या कमियां हैं ये सारी चर्चा होने के बाद भी भारतवासी को अपना भारत, श्रेष्ठ भारत चाहिए, विकसित भारत चाहिए, सामर्थ्य, सम्पन्न भारत चाहिए लेकिन केवल ये अपनापन वो कारण नहीं है जिससे आज समय विकसित भारत की मांग कर रहा है।”
“विकास हुआ तो पर्यावरण की समस्याएं भी खड़ी हो गईं। मुझे वर्णन करने की आवश्यकता नहीं है आप सब जानते हैं और अभी भी जो चलती है चर्चा वो ये चलती है कि विकास करें या पर्यावरण की रक्षा करें? दोनों में से एक चुनना है जैसे तो मनुष्य का जीवन दोनों में एक चुनने से नहीं दोनों को साथ लेकर चलना पड़ेगा तभी बचेगा। तकनीकी प्रगति के जो आज प्रतिमान माने जाते हैं तो वहां देखेंगे कि चार प्रतिशत जनसंख्या है और उनको जीने के लिए 80 प्रतिशत संसाधन चाहिए।
सारी दुनिया से वो संसाधन प्राप्त करने के लिए अन्य लोगों पर अपना डंडा चलना चाहिए तभी वो प्राप्त होंगे। ऐसे विकास में लोगों को लगना पड़ता है, जी जान से लगना पड़ता है। परंतु उसके सुख सबको प्राप्त नहीं होते तो उत्साह ठंडा हो जाता है। उस उत्साह को फिर से जगाने का उपाय क्या है? फिर से अपने लोगों पर भी अपना डंडा चलना चाहिए।”