गुजरात के गांधीनगर में आयोजित क्वीर मेले में प्रेम, विविधता और समावेशिता के प्रतीकों का संगम देखने को मिला।ये आयोजन एलजीबीटीक्यूआईए प्लस समुदाय के कलाकारों, पेशेवरों और छात्रों को जश्न मनाने और उनकी भावना और ताकत को दिखाने के लिए किया गया।
गांधीनगर क्वीर प्राइड फाउंडेशन राहुल उपाध्याय ने कहा कि मेला हुआ है पर इतने बड़े लेवल पर नहीं हुआ है। मैं बहुत खुश हूं कि ज्यादा से ज्यादा लोग आ रहे हैं और हम लोग एक मंच देना चाहते हैं क्वीर समुदाय को कि वो आएं अपने प्रोडक्ट, अपने व्यवसाय दिखाएं, अपनी प्रतिभा दिखाएं। तो ये एक छोटी सी पहल है उसके लिए। ये विजिबिलिटी के बारे में है। लोगों ने हमेशा कहा है कि हमारा अस्तित्व ही नहीं है, हमें लोगों को दिखाना है कि हम भी आप ही के जैसे हैं, अस्तित्व में हैं। अब आपके ऊपर है कि आप कितना उसको मानते हैं और अपनाते हैं।
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आगंतुक माइली ग्रे ने कहा कि एलजीबीटीक्यू समुदाय के लोगों के लिए इस संस्कृति में बड़ा होना वाकई कठिन है क्योंकि लोगों का हमें देखने का नजरिया अलग होता है। जब हम सड़क पर चलते हैं तो लोग हमें ऐसे देखते हैं जैसे हम कोई एलियन हों। ये एक बहुत बड़ा कदम है। ये पहली बार हो रहा है गुजरात के गांधीनगर में। यहां पर बहुत सारे लोग जुड़े हैं हमारे साथ। तो बहुत ही अच्छा लग रहा है। बहुत ही कलरफुल है, बहुत ही फ्रेंडली लोग हैं। यहां पर बहुत अच्छा लग रहा है।
आगंतुक रितेश मकवाड़ा ने कहा कि हम तो यही कहेंगे कि हर बार होता रहे और हर जगह होता रहे। क्योंकि जब ऐसी चीजें होती हैं तो लोगों को पता चलता है कि हम भी हैं यहां पर, हमारे जैसे लोग बाहर आते हैं। हमें एक-दूसरे को जानने का मौका ऐसे मेले में और ऐसी चीजों में ही मिलता है। बाकी तो हम अपने काम में ही रहते हैं।फैमिली प्लानिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने भी क्वीर मेले में युवाओं के लिए मार्गदर्शन और एचआईवी के बारे में जरूरी जानकारी दी।इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत में एलजीबीटीक्यूआईए प्लस समुदाय को शिक्षित करना और उनका समर्थन करना भी है।