Democracy: कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने मंगलवार को जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के लिए उच्च सदन को नोटिस दिया। इसमें सभापति पर ‘पक्षपातपूर्ण’ तरीके से काम करने’ का आरोप लगाया गया है। यदि धनखड़ को हटाने की मांग वाला प्रस्ताव लाया जाता है, तो इन दलों को इसे पारित कराने के लिए साधारण बहुमत की जरूरत होगी, लेकिन 243 सदस्यीय सदन में उनके पास जरूरी संख्या बल नहीं है। हालांकि, विपक्षी सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया कि ये संसदीय लोकतंत्र की रक्षा के लिए लड़ने का एक मैसेज है।
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शिवसेना (उद्धव गुट) सांसद संजय राउत ने बुधवार को कहा कि हमारा लोकतंत्र खतरे में है। साथ ही उन्होंने कहा कि बात मेजोरिटी की नहीं है, बात संविधान की रक्षा की है, इतना ही मैं कहूंगा। चाहे मेजोरिटी हो या ना हो। विपक्ष को भारतीय संविधान ने और लोकतंत्र ने एक आवाज दी है, एक ताकत दी है और वो ताकत का हम इस्तेमाल करेंगे। जिस तरह से संसद चला रहे हैं और सत्ताधारी पार्टी के लोग सदन को डिस्टर्ब कर रहे हैं और संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति ‘पक्षपात’ कर रहे हैं। ये सबसे बड़ा लोकतंत्र को खतरा है। हमने देखा है कि क्या हुआ है। चुनाव आयोग जो है ये बीजेपी की एक्सटेंडेड ब्रांच है सबको मालूम है।
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