सरपंच ने पेश की मिसाल, गांव से उखाड़ फेंका नशे का कारोबार

यमुनानगर(राहुल सहजवानी): गांव सरपंच की सूझबूझ संघर्ष से नशा मुक्त हुआ यमुनानगर का गांव लापरा। जो अब एक मिसाल बन रहा है। कुछ समय पहले जो गांव स्मैक के नशे का हब माना जाता था और इसको लेकर गांव के लोग भी परेशान थे।

जहां गांव के सरपंच ने गांव को नशा मुक्त करने का बीड़ा उठाया और कड़े संघर्ष करने के बाद गांव नशा मुक्त हो गया। जानकारों की मानें तो यहां स्मैक का बड़ा कारोबार होता था और लग्जरी कारों के अंदर ना सिर्फ यमुनानगर से बल्कि अन्य जगहों के लोग भी यहां स्मैक का नशा खरीदने के लिए आते थे।

गांव का माहौल बिगड़ता ही जा रहा था। गांव के युवा भी समय की जद में जा रहे थे, गांव के सरपंच ने इसको लेकर 20 सदस्यों की कमेटी बनाई और प्रत्येक सदस्य को ₹400 और रोज के हिसाब से दिए गए, जिनका काम गांव में स्मैक पीने वाले और बेचने वालों की पहचान करना था। इस संघर्ष में गांव के सरपंच को झगड़ों, धमकियों का सामना करना पड़ा।

अन्य जिलों से भी लोग स्मैक का नशा खरीदने के लिए आते थे और बड़े पैमाने पर नशे का कारोबार यहां पर चलता था। लेकिन धीरे-धीरे सरपंच ने जहां अपने स्तर पर प्रयास किए तो वहीं साथ ही लगती कलानौर पुलिस चौकी के इंचार्ज से इस पूरे मामले में बातचीत की कि कैसे हम मिलकर यहां से नशे को जड़ से उखाड़ सकते हैं। जहां गांव के सरपंच ने ढाई लाख रुपए खर्च किए।

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गांव के सरपंच ने पहले लोगों को जाकर जागरूक किया, उसके बाद जो नहीं माने उन पर पुलिस कार्रवाई की गई और जो बड़े पैमाने पर इस प्रकार का काम करते थे पुलिस द्वारा उन पर कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार किया गया इस प्रकार सरपंच की सूझबूझ से गांव नशा मुक्त हो गया गांव के सरपंच मोहम्मद अजीज ने बताया कि इसमें पुलिस का भी सराहनीय प्रयास है जिस प्रकार से पुलिस ने साथ दिया और सहयोग किया उसी की बदौलत आज गांव नशा मुक्त हुआ है।

वहीं, उन्होंने कहा कि दूसरे गांवों और जहां पर भी इस प्रकार का समाज में नशा है उनके लिए भी सब मिलकर काम करें तो समाज को गांव को शहर को नशा मुक्त किया जा सकता है इसमें सब के सहयोग की जरूरत है महीनों ने बताया कि इसमें संघर्ष करते हुए जो चुनौतियां थी उसको लेकर बहुत परेशानियां भी हुई लेकिन फिर भी वह हौसले के साथ इस मिशन में डटे रहे और आज उन्हें इस बात की खुशी है कि उनका गांव नशा मुक्त है।

गांव छोटा लापरा बड़ा लापरा दोनों में अब अमन शांति है। कलानौर पुलिस चौकी इंचार्ज सतीश कुमार ने बताया कि उन्होंने सरपंच के इस सराहनीय प्रयास में भरपूर साथ दिया  और उन्हें भी इस बात की खुशी है कि उनका प्रयास सफल रहा और आज गांव नशा मुक्त हो गया।

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