आप अन्य च्यवनप्राश उत्पादों को ‘धोखा’ कैसे कह सकते हैं ? उच्च न्यायालय ने पतंजलि से किया सवाल

SC on Patanjali: How can you call other Chyawanprash products a 'fraud'? The High Court questions Patanjali.

SC On Patanjali: दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार 6 नवंबर को पतंजलि आयुर्वेद से पूछा कि वह अन्य च्यवनप्राश उत्पादों को ‘‘धोखा’’ कैसे कह सकता है। उच्च न्यायालय ने कहा कि योग गुरु रामदेव की पतंजलि को अपने विज्ञापनों में किसी अन्य शब्द के इस्तेमाल पर विचार करना चाहिए तथा उनके उत्पाद और अन्य उत्पादों की तुलना की अनुमति तो है, लेकिन अन्य उत्पादों का अपमान करने की अनुमति नहीं है।

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अदालत ने पतंजलि के ‘‘अपमानजनक’’ विज्ञापन के खिलाफ अंतरिम रोक का अनुरोध करने वाली ‘डाबर इंडिया’ की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। न्यायमूर्ति तेजस करिया ने कहा, ‘आप दावा कर सकते हैं कि आप सर्वश्रेष्ठ हैं, लेकिन आप दूसरों को ‘धोखा’ नहीं कह सकते, जिसका अंग्रेजी शब्दकोश में अर्थ धोखाधड़ी और छल है।’ पतंजलि के वकील ने दावा किया कि ‘धोखा’ शब्द से रामदेव का मतलब ‘साधारण’ है।

पतंजलि आयुर्वेद का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव नायर ने कहा, ‘मैं कह रहा हूं कि बाकी सब ‘साधारण’ हैं – साधारण च्यवनप्राश। इसका मतलब यह है कि मैं कह रहा हूं कि बाकी सब बेअसर हैं।’ उन्होंने कहा, ‘यह पिछले विज्ञापन का ही विस्तार है। जब मैं धोखा कहता हूं, तो मेरा मतलब है कि मैं खास हूं और बाकी सब साधारण हैं।’ अदालत ‘डाबर इंडिया’ की याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसने पतंजलि द्वारा जारी किए गए 25 सेकंड के विज्ञापन पर आपत्ति जताई है, जिसका शीर्षक है ‘51 जड़ी-बूटियां, एक सत्य, पतंजलि च्यवनप्राश!’ पतंजलि के विज्ञापन में, एक महिला अपने बच्चे को च्यवनप्राश खिलाते हुए कहती है, ‘चलो धोखा खाओ।’  SC On Patanjali:

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इसके बाद, रामदेव कहते हैं, ‘अधिकांश लोग च्यवनप्राश के नाम पर धोखा खा रहे हैं।’ ‘डाबर इंडिया’ की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप सेठी ने आरोप लगाया कि रामदेव केवल अपने उत्पादों को बेचने के लिए सांप्रदायिक विभाजन पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘च्यवनप्राश को एक उत्पाद के रूप में भ्रामक बताया जा रहा है। वे सभी च्यवनप्राश निर्माताओं और विक्रेताओं को इस दायरे में रख रहे हैं और मैं (डाबर इंडिया) च्यवनप्राश के बाजार में बिक्री का अग्रणी हूं।’ सेठी ने कहा कि पतंजलि के विज्ञापन में कहा गया है, ‘40 जड़ी-बूटियों से क्यों संतुष्ट हों?’, और डाबर खुद को 40 जड़ी-बूटियों से बने च्यवनप्राश के रूप में बताता है, इसलिए ‘वे यहां हमारा जिक्र कर रहे हैं।

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