नई दिल्ली: नेटफ्लिक्स, अमेजॉन प्राइम वीडियो जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज होने वाली फिल्मों की पहले स्क्रीनिंग की जानी चाहिए क्योंकि कुछ वेबसीरीज में पॉर्नोग्राफी होती है।
सुप्रीम कोर्ट कहना है कि जिस प्रकार फिल्मों को सेंसर बोर्ड पास करती है, उसी तरह ओटीटी प्रोग्राम को भी देखने के बाद आम जनता को दिखाने के लिए स्वीकृति मिलनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने तांडव विवाद में एमेजॉन प्राइम वीडियो की हेड अपर्णा पुरोहित की याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से नेटफ्लिक्स और अमेजॉन प्राइम वीडियो जैसे ओटोटी से जुड़े रेगुलेशन्स को कोर्ट में पेश करने करने को कहा।
अपर्णा पुरोहित की ओर से मुकुल रोहतगी ने कहा कि ओटीटी प्लेटफॉम्र्स के रेगुलेशन हाल ही में आए हैं, मेरी मुवक्किल महज अमेजन की एक कर्मचारी हैं, जिन्होंने सीरियल बनाया, मामला उनके खिलाफ बनता है, हमारे खिलाफ 10 मामले दर्ज कर दिए गए।
बता दें, विवादास्पद वेब सीरीज तांडव में हिंदू देवी-देवताओं के प्रति कथित आपत्तिजनक सामग्री डाले जाने के आरोप में केस दर्ज कराया गया था।
सीरीज में हिंदू देवी देवताओं का कथित रूप से अपमानजनक चित्रण किए जाने के आरोप में हजरतगंज कोतवाली में अपर्णा पुरोहित के साथ-साथ सीरीज के निर्देशक अली अब्बास, निर्माता हिमांशु कृष्ण मेहरा और लेखक गौरव सोलंकी और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
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