Share Market: बाजार नियामक सेबी ने शुक्रवार 26 जुलाई को भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को सिक्योरिटीज मार्केट से प्रतिबंधित कर दिया है। साथ ही उसे तीन साल के लिए किसी भी लिस्स्टेड कंपनी से जुड़ने पर भी बैन लगा दिया है। सेबी ने ये कार्रवाई यूबीएस एजी के साथ विदेशी बैंक खातों का इस्तेमाल कर भारतीय सिक्योरिटीज मार्केट में धन भेजने के मामले में की है।
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बता दें, भारत सरकार माल्या को उसकी अब बंद हो चुकी कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस से संबंधित धोखाधड़ी के आरोपों का सामना करने के लिए ब्रिटेन से प्रत्यर्पित करने की कोशिश कर रही है। माल्या मार्च 2016 से ही ब्रिटेन में रह रहा है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने जनवरी 2006 से मार्च 2008 तक की अवधि की जांच में पाया कि माल्या ने अपने समूह की कंपनियों- हर्बर्टसन लिमिटेड और यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड (यूएसएल) के शेयरों का गोपनीय ढंग से कारोबार करने के लिए विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) मैटरहॉर्न वेंचर्स का इस्तेमाल किया। इसके लिए अलग-अलग विदेशी खातों के जरिए धन भेजा गया।
पूर्व शराब कारोबारी माल्या ने मैटरहॉर्न वेंचर्स का इस्तेमाल कर यूबीएस एजी के साथ अलग अलग खातों के माध्यम से भारतीय सिक्योरिटीज मार्केट में धन लगाया। उसने अपनी असली पहचान छिपाने के लिए अलग-अलग विदेशी संस्थाओं का इस्तेमाल किया। सेबी के आदेश में कहा गया है कि मैटरहॉर्न वेंचर्स को हर्बर्टसन में गलत ढंग से गैर-प्रवर्तक सार्वजनिक शेयरधारक के रूप में लिस्टेड किया गया था, जबकि इसकी 9.98 प्रतिशत प्रमोटर शेयरहोल्डिंग कैटेगरी की थी।
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सेबी की मुख्य महाप्रबंधक अनीता अनूप ने अपने 37-पृष्ठ के आदेश में कहा, “इस मामले में नोटिस पाने वाले (माल्या) ने अपनी पहचान छिपाने और नियामकीय मानदंडों की अवहेलना करते हुए इंडियन सिक्योरिटीज मार्केट में कारोबार के लिए एफआईआई रूट अपनी विदेशी संबंधित कंपनियों का उपयोग किया। इस तरह कई स्तरों वाले लेनदेन से अपने ही समूह की कंपनियों के शेयरों में इनडायरेक्ट रूप से कारोबार की योजना बनाई।