Shree Ram: राजस्थान (Rajasthan) के बीकानेर शहर में रहने वाले कलाकारों राम कुमार भादाणी और केशव जोशी ने पीपल के सूखे पत्तों पर देवी-देवताओं की तस्वीरें उकेर कर अलग पहचान बनाई है। दोनों पेंटरों ने कैनवास पर पेंटिंग शुरू की थी। लेेकिन धीरे-धीरे उन्होंने पीपल के पत्तों पर पेंटिंग बनाने में महारत हासिल कर ली। उनके मुताबिक पीपल के पत्तों पर रंगीन कलाकारी को हिंदू पौराणिक कथाओं में शुभ माना गया है।
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पीपल के जिन पत्तों पर तस्वीरें बनानी होती हैं, उन्हें करीब 15 दिन तक पानी में रखने के बाद सुखाया जाता है। पत्ते जब पूरी तरह सूख जाते हैं, तो इनकी ऊपरी हरी परत गायब हो जाती है और ये जालीनुमा यानी नेट की तरह हो जाते हैं। इसके बाद इन पत्तों पर पेंटिंग बनाई जाती है। राम कुमार और केशव पीपल के सूखे पत्तों पर कई खास पेंटिंग बना चुके हैं। इनमें भगवान विष्णु, गणेश, शिव और देवी लक्ष्मी की रंगीन तस्वीरें शामिल हैं।
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पेंटर केशव जोशी का कहना है कि भगवान की तस्वीर इसलिए बनाते हैं क्योंकि हमारे हिंदू ग्रंथों में मान्यता ये है कि पीपल में विष्णु जी का वास होता है और भगवानों का वास होता है तो इसको लेकर हमने इनके ऊपर लक्ष्मी जी, श्री नाथ जी और गणेश जी भगवान को ही स्वरुप दिया गया है। दूसरे पेंटर रामकुमार भादाणी ने कहा कि मैंने पीपल के पत्ते पर एक बार सुनहरी निकासी का कार्य किया। वह कार्य पीपल का पत्ता सुखकर खराब हो गया, तो मुझे ऐसा लगा कि इस पर काम हो नहीं सकता।
तब मेरे गुरुजी ने हमें बताया कि इस पत्ते को अगर आप 15 दिन भिगो दोगे पानी में तो इसके ऊपर जो ग्रीनरी है वो पानी के होने के कारण गल जाएगी। गलने के बाद एक नेट के रुप में अपने को एक पीपल का पता मिलेगा। उसके ऊपर आप जो इसकी चित्रकारी करना चाहते हैं, वो चित्रकारी कीजिए।