दिल्ली। कांग्रेस में आज राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। पार्टी में नए नेतृत्व की मांग की चर्चाओं के बीच सोनिया गांधी ने कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष पद को छोड़ने का फैसला ले लिया है। सोमवार को कांग्रेस कार्य समिति(CWC) की अहम बैठक होने वाली है, इससे पहले सोनिया गांधी ने पार्टी के लोगों से साफ कह दिया है कि सभी लोगों को मिलकर अब पार्टी का नया अध्यक्ष चुनना चाहिए।
आपको बता दें, सोनिया गांधी कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर एक साल पूरा कर चुकी हैं। इस बीच कांग्रेस के 23 सीनियर नेताओं ने पार्टी नेतृत्व को लेकर अनिश्चितता पर चिंता जताई है। नेताओं का कहना है कि इससे कार्यकर्ता हताश हैं और कांग्रेस कमजोर हुई है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि कांग्रेस पर गिरे इस लेटर बम पर सोनिया गांधी ने अब कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का निर्णय ले लिया है।
सोनिया गांधी के इस फैसले से पहले नए नेतृत्व की मांग करते हुए 23 वरिष्ठ कांग्रेसियों ने कहा है कि नेहरू-गांधी परिवार हमेशा पार्टी का अहम हिस्सा रहेगा। वहीं कांग्रेस में सियासी हलचल तेज करने वाले पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी, शशि थरूर, विवेक तन्खा, एआईसीसी के पदाधिकारी, सीडब्ल्यूसी सदस्य जिनमें मुकुल वासनिक और जितिन प्रसाद शामिल हैं। इनके अलावा भूपिंदर सिंह हुड्डा, राजेंदर कौर भट्टल, एम वीरप्पा मोइली, पृथ्वीराज भवन, पी जे कुरियन, अजय सिंह, रेणुका चौधरी और मिलिंद देवड़ा ने पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं. पूर्व पीसीसी प्रमुख राज बब्बर , अरविंदर सिंह लवली और कौल सिंह ठाकुर , वर्तमान बिहार अभियान प्रमुख अखिलेश प्रसाद सिंह, हरियाणा के पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा, दिल्ली के पूर्व स्पीकर योगानंद शास्त्री, पूर्व सांसद संदीप दीक्षित भी शामिल हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष बदलने की खबरों का पार्टी के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने खंडन किया है। रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि ना तो सोनिया गांधी ने इस आशय का किसी को इंटरव्यू दिया है और ना ही कोई बयान जारी किया है। पार्टी सीडब्लूसी की बैठक के बाद ही अपना बयान देगी।
कांग्रेस के कुछ शीर्ष नेताओं के द्वारा पत्र लिख पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े करने और नेतृत्व परिवर्तन की मांग मामले पर कांग्रेस नेता अश्विनी कुमार ने कहा कि सोनिया गांधी को पार्टी लीडरशिप के लिए पत्र लिखने का समय और प्रेरणा को लेकर संदेह है। हालांकि कुछ पुराने लोगों ने भी पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। कोई तो ऐसा है जो पार्टी को नुकसान पहुंचाना चाहता है।
गौरतलब है, सोनिया गांधी इटैलियन मूल की भारतीय राजनीतिज्ञ हैं इनका जन्म 9 दिसंबर 1946 में इटली के लूसियाना वेंटो रीजन में हुआ था। वह भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से शादी करने के बाद भारत आईं थीं।