Special Parliament Session: पुराने संसद भवन में पीएम मोदी का आखिरी भाषण,पंडित नेहरू को किया याद

(प्रदीप कुमार)-संसद का विशेष सत्र आज से शुरू हो गया है।सत्र की शुरुआत के साथ ही पीएम मोदी ने लोकसभा में अपना भाषण दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में दिए अपने भाषण में संसदीय इतिहास के कई बड़े मौकों को याद किया। पीएम मोदी ने कहा कि इसी सदन में अमेरिका के साथ ऐतिहासिक परमाणु समझौते पर अंतिम मुहर लगाई थी। इसी सदन में अनुच्छेद 370 हटाने, वन पेंशन-वन टैक्स।जीएसटी लागू करने और वन रैंक-वन पेंशन का फैसला भी हुआ। गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला भी यहीं हुआ। अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने पूर्ववर्ती प्रधानमंत्रियों के योगदान का जिक्र करते हुए कई अहम बातें कही।पीएम मोदी ने कहा कि भारत के लोकतंत्र ने तमाम उतार-चढ़ाव देखे हैं और ये सदन, लोकतंत्र की ताकत हैं और लोकतंत्र का साक्षी है। इसी सदन में चार सांसदों वाली पार्टी सत्ता में होती थी और 100 सांसदों वाली पार्टी विपक्ष में होती थी। इसी सदन में एक वोट से सरकार गिरी थी।

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अपने भाषण में पीएम मोदी ने पूर्ववर्ती पंडित नेहरू, इंदिरा गांधी सरकार, राजीव सरकार के कई फैसलों की तारीफ की।पीएम मोदी ने पंडित नेहरू के नेतृत्व में बनी पहली सरकार की तारीफ की। पीएम मोदी ने कहा कि ‘पंडित नेहरू के कार्यकाल के दौरान जब बाबा साहब भीमराव अंबेडकर मंत्री थे तो देश में बेस्ट प्रैक्टिस को लागू करने की दिशा में बहुत काम हुआ। अंबेडकर हमेशा कहते थे कि देश में सामाजिक समानता के लिए देश में औद्योगिकीकरण होना बेहद जरूरी है। पीएम मोदी ने इंदिरा गांधी शासन को याद करते हुए कहा कि बांग्लादेश की मुक्ति का आंदोलन और उसका समर्थन भी इसी सदन में इंदिरा गांधी के नेतृत्व में किया गया। साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि इसी सदन ने देश के लोकतंत्र पर आपातकाल के रूप में हुआ हमला भी देखा था।
पीएम मोदी ने राजीव गांधी सरकार को याद करते हुए कहा कि इसी सदन में मतदान की उम्र 21 से 18 करने का फैसला किया गया और युवा पीढ़ी को लोकतंत्र का हिस्सा बनाया गया। हालांकि लोकसभा में दिए अपने भाषण से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने सत्र की शुरुआत से पहले संसद परिसर में मीडिया से रूबरू होते हुए विपक्ष पर यह कहते हुए हमला भी बोला कि यह वक्त रोने धोने का नहीं है, रोना धोना छोड़कर आगे बढ़िए।बरहाल संसद के विशेष सत्र का आगाज़ हो गया है अब मंगलवार को संसद पुराने भवन से नए संसद भवन में शिफ्ट हो जाएगी।

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