(प्रदीप कुमार)-संसद के विशेष सत्र के पहले दिन पर लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन को सूचित किया कि आज संसद भवन में कार्यवाही का अंतिम दिन है और आज के बाद सदन की कार्यवाही नए भवन में संचालित होगी।स्पीकर बिरला ने आशा व्यक्त की कि सभी सदस्य नए संसद भवन में नई आशाओं, नई उम्मीदों के साथ प्रवेश करेंगे। ओम बिरला ने भरोसा जताया कि नए भवन में भारत का लोकतंत्र नई ऊंचाईयां प्राप्त करेगा।
सदन को सम्बोधित करते हुए ओम बिरला ने आगे कहा कि संसद भवन स्वतंत्रता प्राप्ति की ऐतिहासिक घड़ी से लेकर भारत के संविधान निर्माण की सम्पूर्ण प्रक्रिया और इसके साथ आधुनिक राष्ट्र की गौरवशाली लोकतान्त्रिक यात्रा का साक्षी रहा है। स्वतंत्र भारत की प्रथम लोक सभा के अध्यक्ष गणेश वासुदेव मावलंकर को याद करते हुए बिरला ने कहा कि देश की सर्वोच्च लोकतान्त्रिक संस्था के प्रथम अध्यक्ष के रूप में उन्होंने नियम समिति, विशेषाधिकार समिति, कार्य मंत्रणा समिति सहित कई अन्य संसदीय समितियों की स्थापना की और सदन के अंदर उच्चतम परंपराओं की नींव रखी। पूर्व लोक सभा अध्यक्षों के उल्लेखनीय योगदान को याद करते हुए ओम बिरला ने कहा कि पूर्व 16 अध्यक्षों ने संसद की श्रेष्ठ परम्पराएं स्थापित की।सदन को संवाद संस्कृति का जीवंत प्रतीक बताते हुए ओम बिरला ने कहा कि विभिन्न दलों के बीच सहमति-असहमति के बीच पिछले 75 वर्षों में देशहित में सामूहिकता से निर्णय लिए गए और संसदीय विचार विमर्श की पद्धति से देश की जनता के जीवन में सामाजिक आर्थिक बदलाव के लिए कानून बनाए गए।ओम बिरला ने गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि आपदा और संकट के समय में भी सदन ने एकजुटता और प्रतिबद्धता से उनका सामना किया है।
Read Also-दो करोड़ 75 लाख रुपये के नोटों और सिक्कों से सजाया सत्यगणपति मंदिर
वही सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले स्पीकर ओम बिरला ने सभी सांसदों से सदन को सुचारू रूप से चलाने की अपील भी की।स्पीकर बिरला ने कहा कि लोकसभा का आज से प्रारंभ हो रहा 13वां सत्र महत्वपूर्ण है। इस सत्र में हम गौरवशाली लोकतांत्रिक इतिहास से प्रेरणा प्राप्त कर नए संसद भवन में नई ऊर्जा व आत्मविश्वास से लोकतंत्र को और अधिक समृद्ध बनाने की नई यात्रा प्रारंभ करेंगे। 140 करोड़ देशवासियों की सहभागिता इसे और विशेष बनाएगी।स्पीकर ओम बिरला ने आगे कहा कि आशा है सदैव की भांति माननीय सदस्यों का सहयोग हमें मिलेगा। वे सदन की कार्यवाही में सक्रियता से भाग लेकर जनहित के विषयों पर उच्च कोटि की चर्चा–संवाद से देशवासियों को नई दिशा दिखाएंगे।अमृतकाल में विकसित भारत के निर्माण में सबको सामूहिकता से सर्वश्रेष्ठ योगदान देने को प्रेरित करेंगे।