Spicejet Row: SpiceJet की बढ़ी मुश्किलें ! नुकसान को लेकर केएएल एयरवेज और कलानिधि मारन के दावे कानूनी रूप से निराधार

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Spicejet Row: विमानन कंपनी स्पाइसजेट (spicejet) ने मंगलवार को कहा कि केएएल एयरवेज (KAL Airways) और कलानिधि मारन की ओर से किए गए 1,323 करोड़ रुपये से ज्यादा के नुकसान के दावे का कोई काननी आधार नहीं है।स्पाइसजेट ने कहा कि इनका कोई कानूनी औचित्य नहीं है।सोमवार को केएएल एयरवेज और मारन ने कहा कि वे स्पाइसजेट और उसके प्रमुख अजय सिंह से 1,323 करोड़ रुपये से ज्यादा का हर्जाना मांगेंगे।

इसके अलावा दिल्ली हाई कोर्ट के हाल के उस आदेश को भी चुनौती दी जाएगी, जो शेयर ट्रांसफर विवाद के मामले में स्पाइसजेट के पक्ष में था।वही, स्पाइसजेट (spicejet) ने केएएल एयरवेज और मारन की ओर से 1,323 करोड़ रुपये से ज्यादा हर्जाना मांगने के उनके दावे का खंडन किया है।केएएल एयरवेज और मारन ने कोर्ट में शुरुआती कार्यवाही में 1,300 करोड़ रुपये से ज्यादा मुआवजा देने की मांग की थी।स्पाइसजेट ने बताया, “इस दावे की पूरी तरह से जांच की गई और बाद में सुप्रीम कोर्ट के तीन रिटायर्ड जज के पैनल ने इसे खारिज कर दिया। इसके बाद, केएएल एयरवेज और कलानिधि मारन ने दिल्ली हाई कोर्ट में अपील की और मुआवजे में समान राशि की मांग की। जिसे हाई कोर्ट ने भी खारिज कर दिया।”

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स्पाइसजेट (spicejet) ने ये भी कहा कि दोनों पक्षों ने कोर्ट के सामने अपील नहीं करने का फैसला किया था और मामला खत्म हो गया था।इसके बाद, 17 मई को अदालत की खंडपीठ ने एकल न्यायाधीश पीठ के आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें स्पाइसजेट और उसके प्रमोटर अजय सिंह को मारन को 579 करोड़ रुपये और ब्याज वापस करने के लिए कहा गया था।पीठ ने 31 जुलाई, 2023 को पारित एकल न्यायाधीश के आदेश को चुनौती देने वाली सिंह और स्पाइसजेट की ओर से दायर याचिका को स्वीकार कर लिया और इस आदेश को चुनौैती देने वाली याचिकाओं पर नए सिरे से विचार करने के लिए मामले को संबंधित अदालत में वापस भेज दिया।

इसके बाद, मारन और उनकी कंपनी केएएल एयरवेज (KAL Airways) ने अपने कानूनी सलाहकार से विचार विमर्श करने के बाद आदेश को चुनौती देने का फैसला किया।केएएल एयरवेज और मारन का कहना है कि कोर्ट के आदेश में कई तरह की खामियां है और आगे भी जांच की जरूरत है।इस बीच, स्पाइसजेट ने भी मंगलवार को कहा कि अदालत के फैसले के बाद अब वे 450 करोड़ रुपये का रिफंड मांगेगी।ये मामला साल 2015 से शुरू हुआ था।

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जब एग्रीमेंट में सन नेटवर्क और काल एयरवेज से जुड़े कलानिधि मारन ने स्पाइसजेट में 58.46 फीसदी हिस्सेदारी स्पाइसजेट के प्रोमोटर अजय सिंह को दी थी।इस एग्रीमेंट के मुताबिक, मारन और काल एयरवेज को प्रिफ्रेंशियल शेयर और वॉरंट मिलने थे, जो उन्हें कभी नहीं मिले।2018 में आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल ने मारन के पक्ष में फैसला सुनाय। फैसले के मुताबिक, स्पाइसजेट के अजय सिंह को मारन को ब्याज समेत 579 करोड़ रुपये देने का निर्देश दिया। हालांकि सबकुछ मारन के पक्ष में ही था ऐसा भी नहीं है, ट्रिब्यूनल ने मारन के 1,323 करोड़ रुपये के दावे को खारिज किया, जो उन्होंने डैमेज क्लेम के तौर पर मांगे थे।

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