बिहार में एक बार फिर JDU-BJP गठबंधन टूटने की कगार पर है। 11 अगस्त तक दोनों अलग हो सकते हैं। और राज्य में नई सरकार बनने की संभावना है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि रात के अंधेरे में नीतीश की मुलाकात तेजस्वी से हुई है। राज्य में फिर JDU और RJD की सरकार बन सकती है। वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने सभी सांसद और विधायकों को अगले दो दिन में पटना पहुंचने को कहा है। उधर, RJD भी इसी नक्शेकदम पर है। उसने सभी विधायकों को पटना में रहने के लिए कहा है। मंगलवार को तेजस्वी यादव अपने सभी विधायकों के साथ बैठक करेंगे।
कांग्रेस पार्टी से जुड़े विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी से भी नीतीश कुमार की फोन पर बातचीत हुई है। माना जा रहा है कि ईडी की तरफ से सोनिया और राहुल के खिलाफ जो एक्शन लिया गया और जिस तरह नेशनल हेराल्ड केस में दोनों से पूछताछ की गई। कांग्रेस भी इस मसले पर सड़क पर उतरी है। इसी प्रकरण के बीच नीतीश कुमार की बातचीत सोनिया गांधी से हुई है। सूत्र यह भी बता रहे हैं कि मंगलवार को ही तेजस्वी यादव अपने सभी विधायकों के साथ बैठक करेंगे। हालांकि, सरकार के भविष्य को लेकर JDU नेताओं ने कोई आधिकारिक बात नहीं कही है।
सूत्रों के मुताबिक नितीश कुमार को सरकार चलाने के लिए फ्री हैंड नहीं मिल रहा था। बीते कुछ महीने में नीतीश ने कई अहम बैठकों से दूरी बनाई है। कुछ महीने पहले वे PM की कोरोना पर बुलाई गई बैठक से दूर रहे। हाल ही में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सम्मान में दिए गए भोज, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह में भी नहीं गए। वहीं राज्य में बिहार के BJP नेताओं से भी नहीं मिल रहे हैं। CM लोकल स्तर पर कार्यक्रमों में शामिल तो हो रहे हैं, लेकिन BJP नेताओं से खुलकर ना तो बात कर रहे हैं ना ही उनसे मिल रहे हैं। सीएम 25 जुलाई को कोरोना से संक्रमित पाए गए थे। हालांकि, संक्रमण से उबरने के बाद वह कुछ कार्यक्रमों में शामिल हुए हैं। वहीं नितीश कुमार 7 अगस्त को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली नीति आयोग की बैठक में भी शामिल न होकर अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहे है।
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मिली खबर के अनुसार जातीय जनगणना, जनसंख्या नियंत्रण पर JDU की राय से अलग RCP सिंह BJP की भाषा बोलने लगे थे। ऐसे में नीतीश कुमार को RCP सिंह खटकने लगे। आरसीपी सिंह का बीजेपी नेताओं के साथ काफी अच्छे सम्बन्ध रहे हैं। राजनीतिक गलियारे के अनुसार आरसीपी सिंह जदयू में बीजेपी के नेता के तौर पर काम कर रहे थे।
2020 में नीतीश की पार्टी JDU की 28 सीटें घट गई थीं और वह 43 पर आ गई, जबकि BJP की 21 सीटें बढ़कर 74 पर पहुंच गई थीं। इसके बावजूद BJP ने नीतीश को मुख्यमंत्री बनाया था। NDA को 125 सीटें और महागठबंधन को 110 सीटें मिली थीं।