कुरुक्षेत्र(राजीव अरोरा): कुरुक्षेत्र के पिहोवा उपमण्डल में कृषि विभाग ने पराली प्रबंधन बारे किसान मेले में चर्चा हुई कि सरकार गोवंश के चारे के रूप में भी विकल्प ढूंढ रही है और आधुनिक कृषि यंत्रों से पराली जलाने की समस्या का हो रहा समाधान।
क्योंकि पराली अब समस्या नहीं आमदनी का जरिया है। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कुलपति बी.आर कंबोज ने बताया कि कृषि विभाग की ओर से पराली प्रबंधन के लिए किसानों को जागरूक करने के साथ फसल अवशेष को आय का साधन बनाया गया है।
कुलपति के अनुसार, कृषि विभाग किसानों को 50 से 80 फीसद अनुदान पर कृषि यंत्र उपलब्ध करा रहा है। इसके अलावा कस्टम हायरिंग सेंटर से उचित किराए पर अवशेष के प्रबंधन के लिए यंत्र उपलब्ध हैं।
वहीं, हरपाल सिंह बाजवा प्रगतिशील किसान का कहना है कि पराली जलाने से पर्यावरण के नुकसान को लेकर अब किसान गंभीर हो रहे हैं। कृषि यंत्र बेलर को किसानों ने फसल अवशेष प्रबंधन के साथ आय का जरिया बनाया है।