Mausam: जर्नल नेचर कम्युनिकेशन में हाल ही में एक अध्ययन प्रकाशित हुआ है। नए अध्ययन के अनुसार, 2023 में पिछले दो हजार साल में सबसे गर्म वर्ष रहा है। वैज्ञानिकों ने ग्लोबल वॉर्मिंग को बढ़ते तापमान के लिए जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही, 2050 तक बढ़ने वाले खतरनाक गर्मी के लिए चेतावनी भी दी हैं। Mausam
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दरअसल, 2023 सर्वाधिक गर्म वर्ष था। वैज्ञानिकों का मानना था कि 2023 विश्व में सबसे गर्म वर्ष था, जो 1850 में रिकॉर्ड किया गया था। हाल ही में प्रकाशित एक नए अध्ययन के अनुसार, 2023 की गर्मी ने दो हजार साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। यह नए अध्ययन पत्रिका Nature Communications में प्रकाशित हुई है। वैज्ञानिकों ने ग्लोबल वार्मिंग को इस बढ़ते तापमान के लिए जिम्मेदार ठहराया है। वैज्ञानिकों ने नॉर्दन हेमिसफेयर से पहली शताब्दी ईस्वी और 1850 के बीच वैश्विक तापमान का अनुमान लगाया। 2023 में कम से कम 0.5 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म होने का अनुमान लगाया गया है। स्टडी के अध्ययनकर्ताओं ने बताया कि पिछले 28 वर्षों में से 25 वर्ष की गर्मियों ने AD246 भी पार कर दिया। जो आज के तापमान रिकॉर्डों से पहले का सबसे गर्म वर्ष था।
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साथ ही, 2050 तक बढ़ते तापमान और उम्रदराज़ आबादी के कारण करोड़ों लोगों को खतरनाक गर्मी का सामना करना पड़ेगा। Journal ने बताया कि पहले से ही 14% बुजुर्ग 37.5 डिग्री से अधिक तापमान के संपर्क में रहते हैं। इससे मौत और स्वास्थ्य पर बुरा असर हो सकता है। यह संख्या सदी के मध्य तक 23% तक पहुंचने की उम्मीद है। बुजुर्गों की हिस्सेदारी बड़े स्तर पर एशिया और अफ्रीका में बढ़ने वाली है। वैज्ञानिकों का कहना है कि बढ़ती आबादी को रोका नहीं जा सकता, लेकिन उत्सर्जन को कम करने से वास्तव में कुछ हद तक महसूस होने वाली गर्मी के जोखिम को कम जरूर किया जा सकता है।
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