(अवैस उस्मानी): 2018 में राजस्थान के अलवर में एक चुनाव प्रचार के दौरान कथित आपत्तिजनक स्पीच के लिए यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ केस दर्ज करने के निर्देश की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खरिज करते हुए याचिकाकर्ता को फटकार भी लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा यह कैसी याचिका है, हम याचिका में दखल नहीं देंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा अखबार के पहले पन्ने पर आने के लिए ऐसी याचिकाएं दायर की जाती हैं। सुप्रीम कोर्ट में यूपी के रहने वाले नवल किशोर ने याचिका दाखिल किया था।
नवल किशोर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दिया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने योगी आदित्यनाथ के खिलाफ केस दर्ज करने से इनकार कर दिया था और याचिकाकर्ता पर 5 हज़ार का जुर्माना भी लगाया था। नवल किशोर ने याचिका दाखिल कर 2018 में राजस्थान के अलवर में एक चुनाव प्रचार के दौरान कथित आपत्तिजनक स्पीच के लिए यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ केस दर्ज करने के निर्देश की मांग की थी। जस्टिस विक्रमनाथ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि अखबारों के पहले पन्ने पर आने के लिए लोग ऐसी याचिकाएं दाखिल करते हैं। ऐसी याचिकाएं सुनवाई योग्य नहीं होती। हम हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर याचिका को खारिज करते हैं।
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वर्ष 2018 में राजस्थान के अलवर जिले में चुनाव अभियान के दौरान कथित आपत्तिजनक भाषण देने के मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ याचिका को बीते साल 1 अक्टूबर को खारिज कर दिया था। साथ ही याचिकाकर्ता पर 5,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 23 नवंबर, 2018 को राजस्थान के अलवर जिले में चुनाव अभियान के दौरान बजरंगबली को लेकर भाषण दिया था।