अमन पांडेय : भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के सहयोगी की ओर से धरना देने वाले पहलवानों के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। याचिका में बृजभूषण सिंह के खिलाफ पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों को भी चुनौती दी गई है।
कुश्ती का दंगल अब कोर्ट पहुंच गया है। भारतीय कुश्ती महासंग के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के सहयोगी की ओर से धरना देने वाले पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों को भी चुनौता दी गई है। बता दें कि पिछेले हफ्ते बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट समेत 30 से ज्यादा पहलवान जंतर मंतर पर धरना देने बैठे थे। पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंग के अध्यक्ष बृजभूषण शरण और कुछ कोच पर यौन उत्पीड़ने समेत कई गंभीर आरोप लगाए थे। पहलवानों का आरोप था की महासंघ नए नियमों की आड़ में खिलाडियों का उत्पीड़न कर रहा है। पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ को भंग करने और बृजभूषण शरण सिंह के इस्तीफे की मांग की थी। इस मामले में खेल मंत्रालय ने कुश्ती महासंघ से जवाब मांगा था।
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जिसके बाद खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने धरना दे रहे पहलवानों से मुलाकात दी थी इसके बाद खेल मंत्रालय ने WFI के असिस्टेंट सेक्रेटरी विनोद तोमर को अनुाशासनहीनता के आरोप में सस्पेंड कर दिया था। साथ ही पहलवानों के आरोपों की जांच पूरी होने तक WFIकी चल रही गतिविधियों को तत्काल प्रभाव से रद्द किया गया था। इसके साथ ही आरोपों की जांच के लिए कमेटी का भी गठन किया था. खेल मंत्रालय से मिले आश्वासन के बाद पहलवानों ने अपना धरना खत्म कर दिया था। इससे पहले पहलवानों ने इस मामले में इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन को लिखित में शिकायत भी दी थी।