सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली में स्मॉग टॉवर स्थापित करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की याचिका को खारिज कर दिया है। याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी थी कि इससे चीनी कंपनियों को पैसा मिलेगा और यह साबित करने के लिए कोई वैज्ञानिक आधार नहीं था कि स्मॉग टॉवर वायु प्रदूषण को नियंत्रित कर सकता है।
क्यों लग रहे हैं स्मॉग टावर ?
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया की दिल्ली में स्मॉग टावर का काम शुरू हो गया है। IIT बॉम्बे और टाटा अमेरिका की मिनिसोटा यूनिवर्सिटी से तकनीकी सहायता ले रहे हैं। दिल्ली में प्रदूषण कम करने को लेकर स्मॉग टॉवर के खिलाफ पुनर्विचार याचिका लगाई गई थी। एक याचिकाकर्ता ने कहा था कि स्मॉग टावर विफल तकनीक है। इसको बनाने से सिर्फ चीनी कंपनियों का फायदा होगा। केंद्र की तरफ से ये बात रखी गई कि इसमें कोई चीनी कंपनी शामिल नहीं है।
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आपको बता दें को दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते है राजधानी के अलग अलग इलाकों में स्मॉग टॉवर लगाने की बात कही गई थी। जो कि इसी साल के शुरुआती महीनों में लगने थे। लेकिन अब केंद्र की तरफ से कोर्ट को बताया गया है कि आगामी 8 महीनों में स्मॉग टॉवर लगा दिए जाएंगे।
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