Supertech: सुप्रीम कोर्ट ने बैंकों और डेवलपर्स के बीच “नापाक” सांठगांठ को देखते हुए मंगलवार को सीबीआई को एनसीआर में रियल्टी स्टेट प्रमुख सुपरटेक लिमिटेड की परियोजनाओं की प्रारंभिक जांच दर्ज करने का आदेश दिया।जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने सीबीआई की ओर से दायर हलफनामे पर विचार किया और यूपी, हरियाणा के डीजीपी को एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने के लिए एजेंसी को डीएसपी, इंस्पेक्टर, कांस्टेबल की सूची देने का आदेश दिया।
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शीर्ष अदालत ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, नोएडा प्राधिकरण के सीईओ/प्रशासकों, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के सचिव, भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स संस्थान और आरबीआई को एक हफ्ते के भीतर अपने वरिष्ठतम अधिकारियों में से एक नोडल अधिकारी को एसआईटी को जरूरी सहायता देने के लिए अधिसूचित करने का आदेश दिया।शीर्ष अदालत ने पहले कहा था कि हजारों घर खरीदार सब्सिडी योजना से प्रभावित हुए थे, जहां बैंकों ने निर्धारित समय के भीतर परियोजनाओं को पूरा किए बिना बिल्डरों को होमलोन राशि का 60 से 70 पीसदी भुगतान किया था।
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सर्वोच्च न्यायालय ने तब सीबीआई को एक रोडमैप प्रस्तुत करने का आदेश दिया था कि वो “बिल्डर-बैंकों के गठजोड़” को उजागर करने की योजना कैसे बना रहा है, जिसने एनसीआर में हजारों घर खरीदारों को धोखा दिया और मामले की जड़ तक जाने का प्रस्ताव दिया।शीर्ष अदालत कई घर खरीदारों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने एनसीआर क्षेत्र में और विशेष रूप से नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गुरुग्राम में अलग-अलग आवासीय परियोजनाओं में सब्सिडी योजनाओं के तहत फ्लैट बुक किए थे।खरीदारों ने आरोप लगाया गया था कि फ्लैटों पर कब्जा नहीं होने के बावजूद बैंकों की ओर से उन्हें ईएमआई देने के लिए मजबूर किया जा रहा है।