निलंबित सांसद अफजाल अंसारी की दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

(अवैस उस्मानी):गैंगस्टर एक्ट मामले में निलंबित सांसद अफजाल अंसारी द्वारा अपनी दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा। जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने अफ़ज़ाल अंसारी की याचिका पर सुनवाई किया। यूपी सरकार ने अफ़ज़ाल अंसारी की याचिका का विरोध किया। यूपी सरकार ने कहा कि गंभीर आपराधिक मामले में अफ़ज़ाल अंसारी को दोषी करार दिया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि दोषसिद्धि पर ऐसे ही रोक नहीं लगा सकती है, इसके लिए कोई खास वजह होनी चहिए। अफ़ज़ाल अंसारी के वकील ने कहा कि अफ़ज़ाल अंसारी सात बार चुनाव जीते हैं। अफ़ज़ाल अंसारी के वकील ने कहा कि आज मौजूदा समय मे सभी मौजूदा MP/MLA के साथ इसी तरह की स्तिथि है। अफ़ज़ाल अंसारी के वकील ने कहा कि FIR में अफ़ज़ाल अंसारी का नाम नही था, उच्च अधिकरियों के कहने पर अफ़ज़ाल अंसारी का नाम FIR में जोड़ा गया और उसी दिन गैगस्टर ऐक्ट भी लगाया गया।

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सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान अफ़ज़ाल अंसारी की तरफ से वकील अभिषेक मनु सिंधवी ने कहा कि अगर दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगाई गई तो 10 साल के लिए सांसद से बाहर हो जाएंगे। वकील अभिषेक मनु सिंधवी ने कहा कि 1993 की FIR में भी ऐसा कुछ नहीं था जो यह दिखाता हो कि अफ़ज़ाल अंसारी घटना में शामिल थे। वकील अभिषेक मनु सिंधवी ने कहा कि रिकॉर्ड पर ऐसा कुछ नहीं है जिससे साबित हो कि अफ़ज़ाल अंसारी ने गवाहों को धमकाने और सबूतों को प्रभावित करने की कोशिश की। ट्रायल कोर्ट द्वारा मामले के निपटारे में देरी की गई। वकील अभिषेक मनु सिंधवी ने कहा अफ़ज़ाल अंसारी मौजूदा सांसद थे लेकिन फैसले के बाद उनको निलंबित कर दिया गया,अफ़ज़ाल अंसारी 3 बार विधायक और दो बार सांसद रहे हैं, अफ़ज़ाल अंसारी ने अपने क्षेत्र में कई विकास के काम और सामाजिक कार्य किया है।

यूपी सरकार ने कहा कि अफ़ज़ाल अंसारी के वकील लोकसभा सीट होने की दलील नहीं दे सकते हैं। यूपी सरकार ने कहा कि गैंस्टर मामले में अफ़ज़ाल अंसारी की दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगाई जा सकती है, अफ़ज़ाल अंसारी के खिलाफ अभी कई मामले में लंबित हैं। यूपी सरकार ने कहा कि अफ़ज़ाल अंसारी के खिलाफ तीन से चार मामले अभी लंबित है, सिर्फ गैगस्टर मामले में अफ़ज़ाल को सज़ा हुई है। यूपी सरकार ने कहा कि अगर अफ़ज़ाल की दोषसिद्धि पर रोक लगाई जाती है तो उससे कानून व्यवस्था की भी बात आ सकती है, समाज पर इसका समाज पर गलत असर पड़ेगा। यूपी सरकार ने कहा कि अफ़ज़ाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट मामले में दोषी करार दिया गया है, उनमें नियुनतम सज़ा का प्रावधान 2 साल और अधिकतम 10 साल की सज़ा का प्रवधान है। यूपी सरकार ने कहा कि राहुल गांधी के मामले में अधिकतम सज़ा दो साल ही थी, ऐसे में उस आदेश का हावला नहीं दिया जा सकता है। यूपी सरकार ने कहा कि कानून के अनुसार विधायक, सांसद और आम आदमी सब बराबर है, कानून सबके लिए बराबर है। यूपी सरकार ने कहा कि अगर अफ़ज़ाल की दोषसिद्धि पर रोक लगाई जाती है तो उससे समाज पर भी असर पड़ेगा।

अफ़ज़ाल के वकील वकील अभिषेक मनु सिंधवी ने कहा कि चुनाव आयोग 6 महीने बाद कभी भी चुनाव की घोषणा कर सकता है।वकील अभिषेक मनु सिंधवी ने राहुल गांधी के निलंबन की बहाली के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हावला दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा केस के हिसाब से दोषसिद्धि पर रोक लगाई जाती है। कोर्ट ने यूपी सरकार से मामले में अपवाद परिस्तिथि के बारे में बताने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अफ़ज़ाल अंसारी को अभी सिर्फ गैगस्टर मामले में दोषी करार दिया गया है, दूसरी किसी मामले में दोषी नहीं करार दिया गया है।बता दें गाजीपुर जिले के एमपी एमएलए विशेष अदालत से आरोप साबित होने यानी दोषसिद्धि के बाद अफजाल को चार साल की सजा हुई है।इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट मामले में निचली अदालत द्वारा उसे दोषी ठहराने के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

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