(देवेंदर शर्मा): एक समय था जब धान के अवशेष यानी पराली को किसान कबाड़ समझकर खेत में जला दिया करते थे जिसके चलते वायु प्रदूषण में बेतहाशा इजाफा होता था। लेकिन अब धान की कटाई के बाद पराली हाथों हाथ बिक रही है। जिसके चलते किसान और खरीदने वाले दोनों को मुनाफा हो रहा है। […]
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