होल्डिंग एरिया में सुधार: 60 उच्च-यातायात स्टेशनों पर भीड़ नियंत्रण के लिए स्थायी होल्डिंग एरिया बनाए जाएंगे।
प्रौद्योगिकी एकीकरण: भीड़ की निगरानी के लिए प्रौद्योगिकी का बेहतर उपयोग, विशेष रूप से ट्रेन देरी के दौरान।
अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण:स्थानीय अधिकारियों को परिस्थितिजन्य जागरूकता और संकट प्रबंधन में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
प्रमुख स्टेशनों की निगरानी: प्रयागराज से जुड़े 35 प्रमुख स्टेशनों की निगरानी सेंट्रल रेलवे वॉर रूम द्वारा की जाएगी
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सीसीटीवी कवरेज में वृद्धि:अकेले दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 200 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए।
पीक क्राउड मैनेजमेंट: मौनी अमावस्या के दौरान एक ही स्टेशन पर 17 लाख यात्रियों की आवाजाही दर्ज की गई।
संगठित भीड़ प्रवाह: आवागमन को सुव्यवस्थित करने के लिए होल्डिंग क्षेत्र और रंग-कोडित बाड़े।
दिशा-निर्देशन सहायता: यात्रियों को निर्दिष्ट होल्डिंग क्षेत्रों की ओर मार्गदर्शन करने के लिए तीर और विभाजक।
बुनियादी ढांचे का उन्नयन:पिछले दो वर्षों में 21 अंडरपास बनाए गए।
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कुंभ मेला रणनीति: कुंभ के 90% श्रद्धालु चार राज्यों में 300 किलोमीटर के दायरे से यात्रा करते हैं, जिसके कारण संबंधित स्टेशनों पर विशेष निगरानी के प्रयास किए जाते हैं।
फुट ओवरब्रिज निगरानी:फुट ओवरब्रिज और सीढ़ी लैंडिंग क्षेत्रों पर बैठे लोगों की निगरानी के लिए कैमरे।
