Social Skills For Kids: सामाजिक कौशल के द्वारा माता-पिता बच्चों को अच्छे संस्कार देते है। सामाजिक कौशल के द्रारा ही बच्चो को कामयाबी के टिप्स दिए जाते है।बच्चे बड़े होकर डॉक्टर,इंजीनियर,वकील क्या बनते है ये अक्सर माता-पिता द्वारा की गई परवरिश पर निर्भर करती हैं, इसलिए अपने बच्चों को हमेशा ऐसी शिक्षा दे ।
जिससे वे समाज में खुद को एक बेहतर इंसान के रूप में स्थापित कर सकें। सोशल स्किल्स वे क्षमताएं हैं जो हमें दूसरों के साथ असरदार तरीके से बात करने, रिश्ते बनाने और ग्रुप में काम करने में सक्षम बनाती हैं।
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सामाजिक कौशल के साथ बच्चे समाज में रहकर सामाजिक सरोकार के द्वारा समाज में कई महत्वपूर्ण बातें सीख सकते है । और दूसरों के साथ बातचीत करने में आत्मविश्वास प्राप्त कर सकते हैं। ये शुरुआती कौशलों के विकास और बड़े होने पर सामाजिक स्थितियों से निपटने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
बच्चों को सोशल स्किल्स सिखाना वर्तमान समय में अति महत्वपूर्ण हो गया है ।सामाजिक स्किल्स सीखने से बच्चों में पर्सनल रिश्तों को बनाए रखने में मदद मिलती है। तो आइए जानते हैं कौन-कौन सी सोशल स्किल्स आप अपने बच्चों को सीख सकते हैं।
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1. धैर्य बनाए रखें- बच्चो का बेहतर भविष्य बनाए रखने के लिए बच्चों का समाज के साथ बेहतर तालमेल बनाए रखना जरुरी है। इसके लिए बच्चों में धैर्य व साहस बनाए रखना बेहद जरूरी है। इससे आपके बच्चे और अधिक विनम्र बनेगें।
2.सुनना भी जरूरी है – सामाजिक ताने बाने के साथ समाज में बेहतर रिश्ते बनाए रखने के लिए बोलने से ज्यादा जरूरी सुनना होता है। अगर बच्चे एक दूसरे की बात को ध्यान से सुनेंगे तो इससे दुसरे बच्चों के मन में उनके लिए जगह बन सकेगी ।
3.शेयर करना बताए- समाज में अच्छे रिश्ते बनाने कि लिए बच्चो को बेहतर शिक्षा दे। अपने बच्चों को खुद की चीज दूसरों के साथ शेयर करना सिखाएं। उन्हें शेयरिंग इज केयरिंग वाला नियम जरूर सिखाएं। इससे वह एक दुसरे के दोस्त बन सकेंगे।
4. लोगों से मिलना-जुलना सीखे- लोगों से मिलना जुलना एक अति महत्वपूर्ण सोशल स्किल है। चाहे स्कूल हो या फिर घर, बाहर से आने वाले लोगों का स्वागत करना बड़े बुजुर्गों के दिलों में बच्चे के लिए जगह बनाने में मदद करता है। इससे बाहर से आने वाले लोगों को यह महसूस होता है की बच्चे उनकी इज्जत कर रहे हैं और उनका सम्मान हो रहा है।
5.गलतियों को स्वीकार करना- गलतियों को स्वीकार करना और अपनी भूल को स्वीकार करना एक सामाजिक कौशल है। ईमानदारी से माफ़ी मांगने से बच्चों को दूसरों से जल्दी समझ और माफ़ी हासिल करने में मदद मिल सकती है।