बिहार की सियासत में राजनीति हमला होने लगा है। एक तरफ बिहार को बदलने के बड़े-बड़े वादों को पूरा करने के नारे कुछ दिन पहले ही लगाए गए थे। लेकिन इसी बीच बिहार सरकार में बने नए कानून मंत्री के खुलासे ने बिहार सरकार को कटघरे में ला खड़ा कर दिया है। हालांकि मामले को लेकर राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। राजनीति में कोई मामले को झूठा करार दे रहा है तो कोई देश की मोदी सरकार का प्रोपेगेंडा बता रहा है। इसी कड़ी में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी मामले को लेकर अपनी टिप्पणी की है।
उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह के बारे में भाजपा माइंडेड मीडिया वाले इस केस को ज्यादा ही तूल दे रहें है वो इसे हाईलाइट करना चाहते है ,ये भाजपा का स्टंट है जिससे जनता का मूड गलत राह पर चले जाए। लेकिन हमारी सरकार अपने काम में लगी हुई है।15 अगस्त को हमारी सरकार ने जो एलान किया था की दस लाख युवकों को नौकरी देगी उसके बाद से हम लोग रोजगार के लिए काम कर रहें है। केस को लेकर कोर्ट जो भी फैसला करेगा उस पर उचित कार्यवाई की जाएगी।
Read also:राजस्थान में दलित बच्चे की हत्या के खिलाफ AAP पार्टी ने किया कांग्रेस मुख्यालय का घेराव
दरअसल नीतीश सरकार के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। उन्हें बीते मंगलवार को अपहरण के केस में दानापुर कोर्ट में सरेंडर करना था लेकिन वो दूसरी तरफ कानून मंत्री की शपथ लेने राजभवन पहुंचे हुए थे। नए कानून मंत्री के लिए अपरहण मामले में गैरजमानती वारंट जारी है। उन्हें न तो बिहार की पुलिस पकड़ पाई है न ही कोर्ट में उनकी पेशी हुई है। बिहार कैबिनेट में नए कानून मंत्री बने कार्तिकेय कानून की नजरों से फरार है। उन्हें कोर्ट से जमानत नहीं मिली थी उसके बावजूद उन्होंने कानून मंत्री की शपथ ली। उन्हें बिहार के नीतीश कुमार मंत्रिमंडल में कानून मंत्री बना दिया गया। खुलासे के बाद से बीजेपी हमलावर हो गई है। नए कानून मंत्री को लेकर लगातार सवाल उठाने लगी है। इसी के साथ बीजेपी की तरफ से कार्तिकेय सिंह को बिहार कैबिनेट से हटाने की मांग लगातार की जा रही है।