सेंसर बोर्ड को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लगाई फटकार, कहा- धार्मिक ग्रंथों को तो छोड़ दीजिए

The Allahabad High Court scolded the Censor Board, said- leave the religious texts at least

(अंशिका राणा)- AADIPURUSH BREAKING-  इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फिल्म आदि पुरुष की मेकिंग और इसके डायलॉग के लिए सेंसर बोर्ड और फिल्म के मेकर्स को डांट लगाई। कोर्ट ने कहा कि कम से कम रामायण और कुरान जैसे धार्मिक ग्रंथों को तो बख्श दीजिए। हाई कोर्ट के वकील कुलदीप तिवारी ने फिल्म में आपत्तिजनक संवादों के खिलाफ याचिका दर्ज करवाई थी, जिसके बाद हाई कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई की। जज जस्टिस राजेश सिंह चौहान और जस्टिस श्रीप्रकाश सिंह की बेंच के सामने सुनवाई हुई। बेंच ने कहा कि कम से कम रामायण और कुरान जैसे धार्मिक ग्रंथों को तो छोड़ दीजिए। फिल्म में कुछ डायलॉग ऐसे थे जिन पर लोगों ने विवाद किया। सोशल मीडिया पर भी जमकर विवाद हुआ।

फिल्म के डायलॉग मनोज मुंतशिर ने लिखे , जिसके चलते धार्मिक संगठनों ने मनोज को माफी मांगने के लिए कहा । मनोज मुंतशिर ने अपने बचाव में कहा कि उन्होंने अपनी दादी-नानी से रामायण इसी भाषा में सुनी थी। फिल्म को बैन करने की मांग भी हुई और इसी मांग के चलते याचिका दायर हुई।

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अपनी जिम्मेदारी नहीं समझता सेंसर बोर्ड
मीडिया द्वारा दी गई रिपोर्ट के अनुसार वरिष्ठ वकील रंजन अग्निहोत्री ने कोर्ट को फिल्म के आसपास विवादों के बारे में बताया । कोर्ट ने सेंसर बोर्ड के वकील अश्विनी कुमार से पूछा कि आखिर सेंसर बोर्ड करता क्या है। फिल्म तो समाज का दर्पण है। आने वाली पीढ़ियों को आप क्या सिखाना चाहते है । कोर्ट ने सेंसर बोर्ड के वकील से पूछा कि सेंसर बोर्ड अपनी जिम्मेदारी समझता भी है या नहीं।

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