(अवैस उस्मानी): दिल्ली में रैन बसेरों को गिराने का मामला फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। याचिकाकर्ता के वकील ने मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ से मामले में जल्द सुनवाई की मांग किया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह मामले में 20 मार्च को सुनवाई करेगा, वकील ने कहा दिल्ली में 10 और रैन बसेरों को ध्वस्त किया जा चुका है, इसपर रोक लगाई जानी चहिये। दिल्ली में रैन बसेरों को गिराने का मामले में एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ से मामले में जल्द सुनवाई की मांग किया। वकील ने जल्द सुनवाई की मांग करते हुए कहा कि पिछली बार सराय काले खान में रैन बसेरे को गया था। उसके बाद से अब तक 10 और रैन बसेरों को गिराया जा चुका है, इसपर जल्द सुनवाई की जानी चहिये।
बता दें पिछली बार 15 फरवरी को मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली के सराय काले खान इलाके में रैन बसेरा हटने से विस्थापित हुए लोगों के पुनर्वास पर की मांग किया था। दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) के आदेशों के तहत दिल्ली के सराय काले खान में रैन बसेरों को हटाया गया है। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस हृषिकेश रॉय की पीठ ने कहा कि वहां रह रहे लोगो के पुनर्वास के मुद्दे पर सुनवाई करेगा।
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बता दें सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दिल्ली के सराय काले खां में स्थित रैन बसेरा 235 को हटाने पर रोक लगाने की मांग की थी। याचिका में कहा कि वहां पर 50 से ज़्यादा लोग आश्रयगृह में रह रहे हैं। उनके पुनर्वास के लिए कोई वैकल्पिक उपाय किये बिना रैन बसेरा को हटाया जा रहा है। रैन बसेरा को हटाने के आदेश में कहा गया कि वह अपराध का विषय बन गया है और हिस्ट्रीशीटर के लिए ठिकाना बन गया है। DDA सराय काले खां में यमुना बाढ़ क्षेत्र में बाँसड़ा नाम का एक बांस का बगीचा बना रहा है और रैन बसेरा वहीं स्थित है। याचिका में कहा कि कानून व्यवस्था की स्थिति शेल्टर होम को हटाने का आधार नहीं हो सकता है।