प्रदीप कुमार – संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण का आखिरी दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ गया। विपक्षी पार्टियों के हंगामे के बाद लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया।वहीं, राज्यसभा की कार्यवाही पहले हंगामे के कारण दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित की गई और इसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही को भी अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया। लोकसभा में सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसद आसन के पास आकर नारेबाजी और जेपीसी की मांग करने लगे। उनके हाथों में अपनी मांग लिखी तख्तियां भी रही।
इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि विपक्षी सदस्यों के व्यवहार ने सदन की गरिमा को कम किया है और उन्होंने “व्यवस्थित रूप से” कार्यवाही बाधित की है।बिरला ने कहा कि इस तरह का व्यवहार संसदीय प्रणाली के खिलाफ है और सदन या देश की गरिमा के लिए अच्छा नहीं है। हालांकि हंगामा नही थमा और अध्यक्ष बिड़ला ने अपने समापन भाषण को पूरा करने के बाद सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी।
सदन के बाहर दिए अपने बयान में कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने सदन ना चलने को लेकर विपक्ष पर कई आरोप लगाए। वही संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने संसद में चर्चा की सहमति ना बनने को लेकर विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया। संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण 13 मार्च को शुरू हुआ था लेकिन शुरू होने के बाद से ही संसद की कार्यवाही नहीं चल पाई। दरअसल विपक्ष जहां अडानी मामले पर जेपीसी के गठन की मांग पर अड़ा रहा।
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वहीं सत्ता पक्ष राहुल गांधी के लंदन में दिए बयान पर माफी की मांग पर अड़ा रहा। सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को आपराधिक मानहानि के मामले में दो साल की सजा का ऐलान कर दिया जिसके बाद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई इस घटनाक्रम ने सत्ता पक्ष विपक्ष के बीच जोरदार टकराव बढ़ा दिया जिसका असर संसद में भी दिखा और कांग्रेस सांसद लगातार काले कपड़े पहन कर विरोध प्रदर्शन करते नजर आये।