Uttarkashi Tunnel Rescue :उत्तरकाशी में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग में बनायी जा रही है।सिल्क्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने से ये भयावह हादसा हुआ।12 नवंबर को दिवाली के दिन जब सुबह सुबह मजदूर टनल में काम कर रहे थे तभी सुबह के समय सुरंग का एक हिस्सा ढह गया जिससे टनल ब्लाक हो गयी और मजदूर अंदर फंस गए।
मजदूरों के परिजन हुए भावुक – टनल में फंसे हुए मजदूरों के परिजनों ने बताया हम लोगों को दो हफ्ते हो गए हैं। अंदर मेरा भांजा है। थोड़ा कुछ तो महसूस हो रहा है। जब तक बाहर नहीं निकलेंगे, भेंट नहीं होगा, तब तक घबराहट तो बना रहेगा। जब उनसे भेंट हो जाएगा, तब थोड़ा आराम मिलेगी।
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सुनील बेदी फंसे हुए मजदूर के रिश्तेदार: मेरा भाई सुरंग के अंदर है। मुझे यहां आए दो सप्ताह हो गया। अभी तो खुशी महसूस हुई हैै। निकलने वाले हैं बस उसी की इंतजार है। बिकास राणा, खाद्य अधिकारी: सर बहुत ही बढ़िया। हम लोग भी चाहते हैं जितनी जल्दी हो, मतलब जितनी जल्दी हो, बता नहीं सकते कितनी खुशी है।लेकिन बहुत खुशी है।हम सब लोग उत्तरकाशी से आए हैं और हम सब लोग भारतीय जनता पार्टी के लोग हैं। और धन्यवाद यापित करने आएं है अपनी केंद्र सरकार और राज्य सरकार का। जितने भी उपलब्ध संसाधन थे वो लगाए गए हैं यहां पर। जो 40 मजदूर फंसे हुए थे। और ये वही सुरंग है जो आज से 17 दिन पहले बुरी खबर लेकर आई थी, आज यही सुरंग खुशखबरी लेकर आएगी। जो 41 लोग हैं सकुशल उनको बाहर निकाल दिया गया है।
टूटने लगा सब्र का बांध – सुरंग के अंदर फंसे लोगों के कई परिवार के सदस्य पिछले दो हफ्ते से उत्तरकाशी में डेरा डाले हुए हैं। उम्मीद है कि मंगलवार को उनका इंतजार खत्म हो जाएगा।मजदूरों के रिश्तेदारों का कहना है कि जब तक वो सुरंग से बाहर नहीं निकल आते, वो जश्न नहीं मनाएंगे, हालांकि वो जानते हैं कि उनकी ये परीक्षा जल्द ही समाप्त हो जाएगी।अधिकारियों ने कहा कि रेस्क्यू टीम ने ने मंगलवार को ध्वस्त सिल्क्यारा सुरंग के 60 मीटर लंबे मलबे में ड्रिलिंग की, जिसमें 41 कर्मचारी पिछले 16 दिनों से फंसे हुए हैं।
( Source PTI )