चरखी दादरी(प्रदीप साहू)। पिछले दिनों अध्यापकों व शिक्षा अधिकारियों के बीच मारपीट व आपसी विवाद को लेकर पुलिस द्वारा दर्ज की गई दो अलग-अलग एफआईआर का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा रहा है। पुलिस द्वारा पांच अध्यापकों की गिरफ्तारी करने के विरोध में जहां अध्यापकों ने कर्मचारी संगठनों के साथ मिलकर लघु सचिवालय परिसर में अनिश्चितकालीन आमरण अनशन शुरू कर दिया है। वहीं अन्य विभागों के कर्मचारी भी उनके समर्थन में उतर आए हैं। अध्यापकों ने अल्टीमेटम दिया कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो धरने पर ही जान दे देंगे। Haryana news,
बता दें कि पिछले दिनों अध्यापक यूनियन के कर्मचारियों व शिक्षा विभाग कार्यालय के कर्मियों के बीच मारपीट हुई थी। जिसमें अध्यापकों ने जिला शिक्षा अधिकारी सहित अन्य कर्मियों पर मारपीट व मांगे पूरी नहीं करने के आरोप लगाए। वहीं जिला शिक्षा अधिकारी व अन्य कर्मचारियों ने भी अध्यापकों पर कई आरोप लगाते हुए पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई थी। दोनों पक्षों द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ दर्ज एफआईआर के चलते पुलिस ने पांच अध्यापकों को गिरफ्तार कर लिया गया। जिसके विरोध में अध्यापक संगठनों ने डीईओ कार्यालय को घेराव कर प्रशासन को कार्रवाई नहीं होने पर बड़ा आंदोलन की चेतावनी दी थी।
इसी कड़ी में अध्यापकों ने दादरी के लघु सचिवालय परिसर में अनिश्चितकालीन आमरण अनशन शुरू कर दिया। अनशन पर तीन कर्मचारी बैठे और धरना शुरू किया। अध्यापकों ने स्पष्ट किया कि जिला शिक्षा अधिकारी सहित अन्य कर्मियों की तुरंत गिरफ्तारी हो और अध्यापकों पर दर्ज मुकदमें वापिस हों। अगर प्रशासन ने उनकी मांगे नहीं मानी तो धरने पर ही जान दे देंगे। इस दौरान बार एसोसिएशन सहित अन्य सामाजिक व कर्मचारी संगठन भी उनके समर्थन में उतरे और आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया।
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कर्मचारियों के आमरण अनशन पर बैठे अध्यापक नेता मनोज सहरावत व राजेश सांगवान ने संयुक्त रूप से कहा कि बार-बार प्रशासन को अवगत करवाया बावजूद इसके जिला शिक्षा अधिकारी व अन्य कर्मियों पर दर्ज एफआईआर के तहत तुरंत गिरफ्तारी हो और अध्यापकों पर दर्ज झूठा मुकदमा खारिज होना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होगा तो वे धरने पर ही जान दें देंगे और दूसरे विभागों के साथ मिलकर बड़ा आंदोलन करेंगे।