तब मायूसी के आंसू थे,आज इतिहास रचने की खुशी.चार साल में चंद्रयान-3 ने कैसे बदली तस्वीर?

(अजय पाल)- भारत के मून मिशन चंद्रयान 3 ने इतिहास रच दिया।चन्द्रमा की सतह पर लैडिग करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन गया जैसे ही मून मिशन सफल हुआ दुनिभर में भारत ने इतिहास रच दिया।चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग के बाद ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने साउथ अफ्रीका पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो चीफ एस सोमनाथ को फोन कर उन्हें और उनकी टीम को बधाई दी.लेकिन चार साल पहले 2019 की एक तस्वीर अभी भी लोगों के जेहन में है। 2019 में चंद्रयान 2 के लैंडर विक्रम का चांद पर पहुंचने से पहले संपर्क टूट गया था इसके बाद भावुक इसरो चीफ सिवान को गले लगाकर ढांढस बँधाते हुए पीएम मोदी की तस्वीर खूब वायरल हुई थी।जानिए क्या हुआ था चंद्रयान-2 के साथ- आपको बता दे कि साल 2019 में भारत का मून मिशन चंद्रयान-2 चंद्रमा की सतह से 2.1 किलोमीटर दूर रह गया था  वह जब चंद्रमा की सतह पर उतरने ही वाला था कि लैंडर विक्रम से सपर्क टूट गया था पीएम मोदी इस ऐतिहासिक पहल का गवाह बनने बेंगलुरु में इसरो के हेडक्वार्टर पहुंचे थे लेकिन चंद्रयान-2 का वह 47 दिनों का सफर अधूरा रह गया था.विक्रम लैंड से बेशक निराशा हाथ लगी थी लेकिन यह मिशन फेल नहीं हुआ था. इसका कारण ये था कि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर चांद की कक्षा में काम कर रहा था।

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पीएम मोदी ने भी दी बधाई- पीएम मोदी इस समय दक्षिण अफ्रीका में हैं,जहां वह 15वें ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं.उन्होंने वहां से चंद्रयान-3 की लैंडिंग को वर्चुअली तरीके बुधवार को शाम छह बजकर चार मिनट पर जैसे ही चंद्रयान-3 ने चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की.पूरा देश खुशी से झूम उठा.इस बीच पीएम मोदी ने विदेशी सरजमीं से ही भारतीयों को संबोधित किया।देशवासियों को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि ये पल अविस्मरणीय है,ये क्षण अभूतपूर्व है,ये क्षण विकसित भारत के शंखनाद का है. ये क्षण नए भारत के जयघोष का है.ये क्षण मुश्किलों के महासागर को पार करने का है.ये क्षण जीत के चंद्र पथ पर चलने का है.ये क्षण 140 करोड़ धड़कनों के सामर्थ्य का है.ये क्षण भारत में नई ऊर्जा, नए विश्वास, नई चेतना का ह

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