वायनाड से सांसद एवं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शुक्रवार को लोकसभा में संविधान पर बहस में हिस्सा लिया और केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए जोरदार भाषण दिया। संसद में बहन प्रियंका के पहले भाषण पर टिप्पणी करते हुए विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि ये एक अच्छा भाषण था, यहां तक कि उनके पहले भाषण से भी काफी बेहतर है।
आपको बता दें, लोकसभा में शुक्रवार को संविधान पर बहस में हिस्सा लेते हुए वायनाड से सांसद एवं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए जोरदार भाषण दिया। उनके इस भाषण पर उनके भाई नेता विपक्ष राहुल गांधी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनका ये भाषण काफी बेहतर और अच्छा था।
Read Also: मुंबई: साल 2026 में रिलीज होगी रानी मुखर्जी की ‘मर्दानी 3’, यशराज फिल्म्स ने की घोषणा
प्रियंका गांधी ने आज अपने भाषण में कहा कि, “सबसे पहले मैं 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में शहीद हुए जवानों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं। हमारे देश में संवाद और चर्चा की हजारों साल पुरानी परंपरा रही है। ये परंपरा हर धर्म, दर्शन ग्रंथों, वेदों और उपनिषदों में दिखती है। वाद-संवाद हमारी संस्कृति का हिस्सा रहा है। इसी परंपरा से हमारा स्वतंत्रता संग्राम निकला था, जो अहिंसा और सत्य पर आधारित था। ये एक बेहद लोकतांत्रिक लड़ाई थी। इस आंदोलन से देश के किसान, मजदूर, बुद्धिजीवी.. सभी जुड़े थे। सबने मिलकर आजादी की लड़ाई लड़ी थी। इसी आजादी की लड़ाई से देश में एक आवाज उठी, जो हमारा संविधान है। ये साहस और आजादी की आवाज थी। वहीं EVM से चुनाव को लेकर सत्ता पक्ष पर निशाना साधते हुए प्रियंका ने कहा कि “आप बैलेट पर चुनाव कर लीजिए, दूध का दूध-पानी का पानी हो जाएगा।”
इसके साथ ही उन्होंने कहा हमारा संविधान इंसाफ, उम्मीद, अभिव्यक्ति और आकांक्षा की वो ज्योत है, जो हर हिंदुस्तानी के दिल में जल रही है। इस ज्योत ने हर भारतीय को शक्ति दी है कि उसे न्याय मिलने का अधिकार है, अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने की क्षमता है। इस संविधान ने हर देशवासी को ये अधिकार दिया है कि वो सरकार बना भी सकता है और सरकार बदल भी सकता है। इस ज्योत ने हर हिंदुस्तानी को ये विश्वास दिया कि देश की संपत्ति में उसका भी हिस्सा है। उसे एक सुरक्षित भविष्य का अधिकार है। उम्मीद और आशा की ये ज्योत मैंने देश के कोने-कोने में देखी है। हमारा संविधान एक सुरक्षा कवच है, जो देशवासियों को सुरक्षित रखता है।
हमारा संविधान न्याय, एकता और अभिव्यक्ति की आजादी का कवच है। लेकिन बीते 10 साल में सत्ता पक्ष ने ये सुरक्षा कवच तोड़ने का पूरा प्रयास किया है। भारत का संविधान, संघ का विधान नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा- नरेंद्र मोदी की जातिगत जनगणना के लिए गंभीरता का प्रमाण देखिए- जब चुनाव में पूरा विपक्ष जातिगत जनगणना की बात कर रहा था। तब नरेंद्र मोदी कह रहे थे- ये आपकी भैंस और मंगलसूत्र चुरा लेंगे।
Read Also: मंगल ग्रह पर नदियों का रहस्य! पानी की जगह इन तरल पदार्थों की हो सकती हैं नदियां…
इसके साथ ही मोदी सरकार को अडानी मुद्दे पर घेरते हुए प्रियंका गांधी ने लोकसभा में कहा कि, “देश देख रहा है कि किस तरह एक व्यक्ति को बचाने के लिए देश की जनता को नकारा जा रहा है। सारे बिजनेस, सारे संसाधन, सारी दौलत, सारे मौके एक ही व्यक्ति को सौपें जा रहे हैं। देश का बंदरगाह, पोर्ट, एयरपोर्ट, सड़कें, रेलवे, सरकारी कंपनियां सिर्फ एक ही व्यक्ति को दी जा रही हैं।
जनता के मन में हमेशा विश्वास होता था कि अगर हमारे पास कुछ नहीं है तो संविधान हमारी सुरक्षा करेगा। लेकिन आज आम लोगों के बीच यह धारणा बनती चली जा रही है कि सरकार सिर्फ अडानी के मुनाफे के लिए चल रही है। देश में तेजी से गैर-बराबरी बढ़ती जा रही है। जो गरीब है, वह और गरीब होता जा रहा है। जो अमीर है, वह और अमीर होता जा रहा है। इस सरकार ने आर्थिक न्याय सुरक्षा के कवच को भी तोड़ दिया है।
Read Also: ‘पुष्पा 2’ की स्क्रीनिंग के दौरान महिला की मौत, पुलिस हिरासत में अल्लू अर्जुन
इसके अलावा प्रियंका गांधी ने कहा कि, “जहां भाई-चारा और अपनापन होता था, वहां घृणा और शक के बीज बोए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री सदन में संविधान को माथे पर लगाते हैं, लेकिन… जब संभल, हाथरस और मणिपुर में न्याय की गुहार उठती है तो उनके माथे पर शिकन नहीं आती। जिस मोहब्बत की दुकान पर सरकार के लोगों को हंसी आती है, उसके साथ देश के करोड़ों लोग चले।”