पैरेंट्स की ये गलतियां तोड़ सकती है बच्चों का दिल, भविष्य पर भी पड़ सकता है असर

Parenting Hindi Tips, पैरेंट्स की ये गलतियां तोड़ सकती है बच्चों का दिल, भविष्य....

आजकल दोस्ती के नजरिए से बात की जाए तो बच्चो की पसंद में बदलाव आ गया है। बच्चो को वो व्यक्ति ज्यादा पसंद आते है जो उनके पड़ाव से जुडी चीजों या बातों को आसानी से समझते हो। लेकिन आज समय के साथ बदलाव में ऐसा होना निश्चित है। जहा पर अब बच्चो ने भी इसे अपना लिया है। एक समय में माता पिता ही बच्चो के सबसे जयादा करीबी दोस्त माने जाते थे। लेकिन बदलते समय के साथ अब माता पिता अपने बच्चो के साथ उतना समय नहीं गुजार पाते है। जिससे बच्चो की कई ऐसी बाते माता पिता को पता नहीं रहती है जो वो अपने दोस्तों के साथ शेयर करते है।

कई बार ये देखा जाता है कि पेरेंट्स अपना सारा फ़्रस्ट्रेशन अपने बच्चो पर निकाल देते है। जो बातें वो किसी को नहीं बोल पाते वो अपने बच्चों को बोल देते है। कई बार तो अपने बच्चो को ऐसी बाते बोल देते है। जो बच्चे के मन मष्तिक पर बुरा असर डाल देती है। जिसका असर उनके विकास और व्यक्तित्व निर्माण पर पड़ता है। घर में मिलने वाला माहौल ही बच्चों के विकास की पहली सीढ़ी मानी जाती है। ऐसे में पेरेंट्स को सतर्कता के साथ भाषा और शब्दो का चयन करना चाहिए। हम बच्‍चों से जिस तरह से बात करेंगे, वो भी वैसा बर्ताव करना या बात करना सीखेंगे। इसलिए ऐसे शब्द और वाक्य जो विनम्र नहीं हैं और भेदभाव करने वाले हैं उन्हें किसी भी कीमत पर बच्‍चे के सामने ना बोलें। यहां हम उन वाक्‍यों के बारे में बता रहे हैं जो पैरेंट्स अक्‍सर अपने बच्‍चों से कह जाते हैं जो उन्‍हें नहीं कहने चाहिए।

दूसरे बच्चों से तुलना करना

अक्सर पेरेंट्स अपने बच्चो को जीवन में कुछ बेहतर करने के लिए सीख देते है। लेकिन वो कई बार इस दौरान दूसरे बच्चो से तुलना करते है। जिससे बच्चे के मष्तिक पर नकारात्मक असर पड़ता है। वो खुद को असहज महसूस करता है। एक समय बाद वो खुद भी दूसरे से अपनी तुलना करने लगता है जिसके कारण वो अपनी काबिलियत और महत्व को नहीं समझ पाता है। इसलिए जरूरी ये है की पेरेंट्स अपने बच्चे के हुनर या इंट्रेस्ट को समझे और उसे बेहतर बनाने का प्रयास करे जिससे बच्चों को उनके जीवन का लक्ष्य पता चल पाए।

तुम्हें ये समझ नहीं आता

आपको बता दें बचपन मे बच्चों का मष्तिस्क सभी बातों को ठीक से समझ नहीं पता है। पेरेंट्स का ये दबाव बनाना कि तुम्हें ये बात समझ नहीं आती है उनके लिए दिमाग पर जोर देना हो जाता है। बच्चों को धीरे -धीरे ये लगने लगता है कि हमे जल्दी कुछ समझ ही नहीं ाअत है। हमारा दिमाग कमजोर है में ये कार्य नहीं कर पाऊंगा। हमारे पैरेंट्स कई बार हमे बोलते है तुम ये नहीं कर सकते। पेरेंट्स के ये शब्द बच्चे के दिमाग को पूरी तरह बदल देते है। जिसकी वजह से वो खुद को कम किसी भी कार्य को करने से पहले कम आंकने लगता है। अगर आप बार-बार उसे इस तरह की बात बोलते हैं तो इससे उसके आत्‍मविश्‍वास पर असर पड़ेगा और चीजों से भागने लगेगा।

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जवाब ना देना

बच्‍चे पैरेंट्स की आदतों को सबसे अधिक पकड़ते हैं। अगर आप उनकी बातों को वैल्‍यू नहीं दे रहे हैं तो ये उनको हर्ट कर सकता है। यही नहीं, हो सकता है‍ कि वो भी आपकी बातों का वैल्‍यू करना छोड़ दें। इसलिए बच्‍चों के हर सवाल या बात का रिप्‍लाई बेहतर तरीके से दें। उनकी बातो को ध्यान से सुने और समझने की कोशिश करे।

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