पश्चिम बंगाल के कैबिनेट मंत्री शशि पांजा ने शुक्रवार को कहा कि तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा को निचले सदन से निष्कासित करने में राजनैतिक प्रतिशोध की बू है।लोकसभा सचिवालय ने शुक्रवार को एक अधिसूचना जारी कर तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा को निचले सदन से निष्कासित करने का ऐलान किया।ये अधिसूचना मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित किए जाने के कुछ घंटे बाद आई। सदन ने अपनी एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट को स्वीकार किया, जिसमें उन्हें अपने हित साधने के लिए व्यवसायी से अवैध रूप से उपहार लेने का दोषी ठहराया गया था।
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शशि पांजा ने कहा, “ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बात हुई है। उन्होंने लोकतंत्र की हत्या कर दी है। ये सभी संवैधानिक प्रावधानों का पूरा उल्लंघन है, जो हमने आज देखा। आप देख सकते हैं कि आरोप सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ हैं और उन्हें बोलने का मौका नहीं मिलता है। आज संसद में उन्हें एथिक्स कमेटी में बोलने का मौका नहीं मिला। उन्हें अपमानित किया गया। नीचा दिखाया गया और मौका नहीं दिया गया।”पैनल की रिपोर्ट पर तीखी बहस के दौरान मोइत्रा को बोलने की इजाजत नहीं दी गई। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने “अनैतिक आचरण” के लिए तृणमूल सदस्य को निष्कासित करने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया, जिसे ध्वनि मत से पास किया गया।
शशि पांजा कैबिनेट मंत्री पश्चिम बंगाल:ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बात हुई है। उन्होंने लोकतंत्र की हत्या कर दी है। ये सभी संवैधानिक प्रावधानों का पूरा उल्लंघन है, जो हमने आज देखा। आप देख सकते हैं कि आरोप सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ हैं और उन्हें बोलने का मौका नहीं मिलता है। आज संसद में उन्हें एथिक्स कमेटी में बोलने का मौका नहीं मिला। उन्हें अपमानित किया गया। नीचा दिखाया गया और मौका नहीं दिया गया। उन्हें उकसाया गया। एथिक्स कमेटी में उनसे ऐसे सवाल पूछे गए जो बेहद अपमानजनक हैं। जिसपर आरोप है उसे बोलने का मौका नहीं मिले, ये कहां का प्राकृतिक न्याय है। निश्चित रूप से वे अपारदर्शी प्रक्रिया का शिकार हो गई हैं। ये प्रक्रिया बहुत अपारदर्शी रही है। इसमें राजनैतिक प्रतिशोध की बू आती है।”
(Source PTI )