मनरेगा कर्मचारियों के मुद्दे पर दिल्ली में होने वाली टीएमसी की रैली की तैयारियां जोर-शोर से शुरू कर दी गई हैं। रैली के लिए लगभग पांच हजार मनरेगा जॉब कार्डधारकों को दिल्ली ले जाने के लिए टीएमसी ने खास बसों की व्यवस्था की है।महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत ग्रामीण परिवारों को अकुशल शारीरिक कार्य करने के लिए हर साल 100 दिनों के काम की गारंटी देता है।
मनरेगा कर्मचारी ने कहा कि वे कड़ी मेहनत से अपनी आजीविका कमाने वाले गरीब लोगों के 100 दिनों के श्रम का पैसा रोक रहे हैं। बंगाल में दीदी हैं। क्या कोई बीजेपी नेता कह सकता है कि उन्हें लक्ष्मी भंडार नहीं मिलता है? क्या कोई बीजेपी कार्यकर्ता ये दावा कर सकता है। उन्हें अपने घर में ‘सोबुज साथी’ साइकिल नहीं मिली, या ‘खद्दो साथी’ का चावल नहीं मिला, या ‘सस्तो साथी’ का लाभ नहीं मिला? फिर आज किस स्वार्थ से वे बंगाल की जनता को वंचित कर रहे हैं? उनका क्या अधिकार है?
टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा कि लगभग 1500-2000 लोग, जिनमें से 80-90 महिलाएं अपने बच्चों के साथ कोलकाता आईं ताकि वे अपने अधिकारों के लिए विरोध करने के लिए दिल्ली जा सकें। भाजपा सरकार उनके अधिकारों को छीन रही है। प्रधानमंत्री केवल हरी झंडी दिखा रहे हैं और ट्रेनों का उद्घाटन कर रहे हैं लेकिन गरीब लोगों को ट्रेन की सवारी करने का अधिकार नहीं है।
Read also – दिल्ली में कूड़े के पहाड़ पर फिर गरमाई सियासत, गाजीपुर लैंडफिल साइट पर BJP ने क्यों किया प्रदर्शन ?
सांसद टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने कहा कि ये राजनैतिक प्रतिशोध का ये संभावित उदाहरण है। तृणमूल कांग्रेस का विरोध कार्यक्रम- ये भारत के हर एक राजनैतिक व्यक्ति को पता था। इसकी घोषणा ढाई महीने पहले की गई थी। फिर भी रेलवे ने तृणमूल कांग्रेस के कार्यक्रम के लिए अपने कोच नहीं देने का फैसला किया है।
वर्कर का कहना हैं कि कल, आठ बजे आने के बाद, हमने सुना कि ट्रेन पहले ही रद्द कर दी गई है। हमारे दादा ने पहले ही रेलवे में बुकिंग कर ली थी। पार्टी के सदस्य हमें पूरी देखभाल के साथ यहां लाए। हमें किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ रहा है और सुरक्षित और संरक्षित हैं।सारी व्यवस्थाएं मौजूद हैं। हम पूरे मन के साथ बस से आगामी कार्यक्रम के लिए दिल्ली जाना चाहते हैं।