सुप्रीम कोर्ट के लिए आज का दिन बेहद ही अहम माना जा रहा है। देश के सबसे ज्वलनशील मुद्दो पर सुनवाई होनी है। पहला ये कि जबरन धर्म परिवर्तन तो दूसरा पूजा स्थल कानून यो वो चर्चित मुद्दे पर है जिन पर लंबे समय से फैसले का इंतजार है, और लोगों की नजरें टिकी हुई हैं। पूजा स्थल कानून जिस पर लगातार एक के बाद एक याचिकाए डाली गई जिनसे ये मुददा और भी दिन का दिन गहराता गया। तो वहीं जबरन धर्म परिवर्तन कानून लाने के लिए कई बार देश में हंगामा, हाथापाई होने की वजह से ये मुद्दा गंभीर होता गया। तो वही आज इन दोनों मुद्दो को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गी है। ऐसे में सुबह से देश में सुनवाई को लेकर गहमागहमी का महौल बना हुआ है।
जबरन धर्म परिवर्तन का मामला
जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून बनाने की मांग वाली याचिकाओं को लेकर 5 दिसंबर की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने इसे गंभीर मसला माना था। इससे पहले की सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र से एक विस्तृत हलफनामा मांगा था। हलफनामे में केंद्र ने जवाब दिया था कि लालच, धोखा और दबाव के चलते धर्म परिवर्तन कराना गंभीर मसला है। केंद्र ने अदालत के एक पुराने फैसले का हवाला देते हुए दलील दी थी कि धर्म के लिए प्रचार करना व्यक्ति का मौलिक अधिकार है लेकिन जबरन धर्मांतरण कराना मौलिक अधिकार नहीं है। केंद्र की ओर से कहा गया था कि मामले पर जरूरी कदम उठाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि केंद्र सरकार राज्य सरकारों से मामले को लेकर डिटेल जुटाए और विस्तृत हलफनामा दायर करे। जस्टिस एमआर शाह ने कहा था कि धर्म चुनने का अधिकार सभी को है लेकिन यह धर्मांतरण से नहीं होना चाहिए।
Read also:मकर संक्रांति और लोहड़ी पर बनाएं ये लाजवाब डिश, जानें ये डिश बनाने की रेसिपी
पूजा स्थल कानून मामले पर पिछली सुनवाई
पूजा स्थल कानून पर सुनवाई को लेकर प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की बेंच ने पूर्व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी समेत छह याचिकाओं को सूचीबद्ध किया है। ये याचिकाएं इस कानून के प्रावधानों को चुनौती देती हैं। बता दें कि पूजा स्थल कानून के अनुसार, धार्मिक स्थलों के 15 अगस्त 1947 के स्वरूप को बदलने के लिए मुकदमा दायर नहीं किया जा सकता है।
Top Hindi News, Latest News Updates, Delhi Updates,Haryana News, click on Delhi Facebook, Delhi twitter and Also Haryana Facebook, Haryana Twitter. Total Tv App
