रोहतक: केंद्र सरकार द्वारा बैंकों के निजीकरण के खिलाफ ऑल इंडिया बैंक इंप्लाइज फेडरेशन के आह्वान पर 2 दिवसीय राष्ट्रीय हड़ताल का जिले में पूरा असर देखने को मिला।
बैंक कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और अपना रोष प्रकट किया। बैंक कर्मचारियों का कहना है कि केंद्र सरकार कारपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकारी बैंकों का तेजी से निजीकरण कर रही है, जिसे किसी कीमत पर बर्दाशत नहीं किया जाएगा।
सोमवार को पहले दिन बैंक कर्मचारियों की हड़ताल के चलते जिले में लगभग 1 हजार करोड़ रुपए का लेन देन प्रभावित हुआ।
साथ ही बैंक कर्मचारियों की हड़ताल के चलते उपभोक्ताओं को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य शाखा के बाहर काफी संख्या में बैंक कर्मचारी एकत्रित हुए और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ऑफिसर्ज एसोसिएशन के उप महासचिव जितेन्द्र कुमार सिवाच ने बताया कि सरकार लगातार बैंकों का निजीकरण कर कॉरपोरेट घरानों को सौंप रही है, जोकि उपभोक्ताओं के हितों के खिलाफ है।
उन्होंने बताया कि निजीकरण के खिलाफ 2 दिन राष्ट्रीय व्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है और अगर सरकार ने इस फैसले को वापिस नहीं लिया, तो बैंक कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल करने पर मजबूर होगे।
साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि पहले दिन हड़ताल में जिले से लगभग दो हजार कर्मचारी शामिल हुए और एक हजार करोड़ रुपए का लेन देन प्रभावित हुआ है।
प्रदर्शनकारियों में निशा मलिक, मनोज, सत्यवीर हुड्डा, एसके सैनी, सुमित मान, अमरदीप खत्री, विजय, मंजू, सुशील बादल, महेश टक्कर, नरेन्द्र सिंह, केएस यादव, अनिल शर्मा, विकास नारंग, अनिल गुलाटी प्रमुख रूप से शामिल रहे।
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