(साहिल भांबरी) – दिल्ली राजघाट डीटीसी बस डिपो में आज एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर दिल्ली सरकार और परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत मौजूद रहे जिन्होंने 13 महिलाओं को डीटीसी बस चलाने के लिए अप्वाइंटमेंट लेटर दिया। साथ ही सभी महिलाओं को सरकार की तरफ से ढेर सारी शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम के दौरान परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा आज डीटीसी और ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के लिए बहुत बड़ा दिन है क्योंकि आज डीटीसी की 13 महिला चालकों को अप्वाइंटमेंट लेटर दिया है गहलोत ने कहा दिल्ली की सड़कों पर हमारी डीटीसी और क्लस्टर बसें दौड़ती है। हमारा सपना था कि बसों को महिला चालकों द्वारा चलाते हुए देखा जाए। और मुझे काफी ज्यादा खुशी है। कि अब महिला चालको की संख्या बढ़ती जा रही है।
पहले 11 महिला ड्राइवर को अपॉइंटमेंट लेटर दिया था जो कि दिल्ली की सड़कों पर डीटीसी बसें चला रही है और आज 13 और महिला चालकों को अपॉइंटमेंट लेटर दिया है। और मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं और जितनी भी नई बसें आएंगी उनमे ज्यादा से ज्यादा महिला चालक रहे। गहलोत बोले मेरे और मेरी सरकार की तरफ से सभी 13 महिला चालको को ढेर सारी शुभकामनाएं। गहलोत ने कहा दिल्ली की सड़कों पर बस को चलाना आसान काम नहीं है। कई तरह की चुनौतियों से गुजरना पड़ता है। लेकिन आप सभी महिलाओं ने हर तरह की चुनौती का डट कर सामना किया है। और आप सब महिलाएं बाकी सारी महिलाओं के लिए प्रेरणा साबित हो रही हैं।
वही मंत्री कैलाश गहलोत ने मंच से 13 महिलाओं से बातचीत की तो महिलाओं ने खुशी खुशी सारे सवालों के जवाब दिए। जिसमे एक महिला चालाक ने कहा की मै 5 सालों से दिल्ली की सड़कों पर टैक्सी चला रही थी। ओर अपने पूरे घर का खर्च उठाती हु। सड़को पर बसे चलती है मुझे बसों को देख कर हिम्मत बड़ी की आदमी के साथ हम महिलाएं भी बस चला सकती है। मेने उस दिन ठान लिया था कि मैं भी दिल्ली की सड़कों पर डीटीसी बस चलाऊंगी। और कब मेरा सपना पूरा हो चुका है।
वहीं दूसरी महिला ने बताया मै तकरीबन 6/7 सालों से एयरपोर्ट पर टैक्सी चलाती थी। लेकिन जब मेरी बस की ट्रेनिंग शुरू हुई तो ट्रेनिंग सेंटर में मेरा मजाक बनाया जाता था कि महिला डीटीसी बस नही चला सकती है।
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लेकिन मैं कहना चाहती हुं की महिलाएं भी पुरुष के साथ कंधा से कंधा मिलाकर चल सकती है। मै दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल जी और आपका धन्यवाद प्रकट करती हूं कि आपने हमे इस काबिल सोचा। वहीं आखिर में गहलोत ने कहा हमारा सपना ये भी है कि दिल्ली में एक महिला बस डिपो बनाया जाए। जिसमे डिपो के महिला गार्ड से लेकर मेकैनिक और सारा स्टाफ महिलाओं का हो। जिससे और महिलाएं प्रेरित हो कर आप लोगो के साथ जुड़ सके।